लास एंजेल्स, (हि.स.)। ओलम्पिक खेलों की मेजबानी से लाॅस एंजेल्स के हटने के निर्णय के बाद करीब-करीब यह तय हो गया है कि 2024 के खेलों का महाकुम्भ अब पेरिस में होगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार 2024 के ओलम्पिक की मेजबानी पेरिस करेगा, जबकि 2028 के ओलम्पिक खेलों का मेजबान लास एंजेल्स होगा।
इस संबंध में अंतिम निर्णय आगामी 13 सितम्बर को पेरू की राजधानी लीमा में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की कार्यकारी परिषद् में लिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष थामस बैच ने इस आशय की सूचना अधिकारिक तौर पर दी।
ओलम्पिक के इतिहास में यह पहला मौक़ा है, जब एक साथ दो महानगरों को ओलम्पिक खेलों की मेजबानी दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलग अलग कारण हैं। पेरिस के लिए मेजबानी का अवसर इसलिए भी सुखकर होगा कि सौ साल के बाद पेरिस इन खेलों की मेजबानी करेगा। एक दूसरा कारण यह भी है की इन खेलों के लिए जो खेल गांव बनाया जाना है, वह स्थान 2024 के बाद नहीं मिल सकेगा। फिर इन खेलों के लिए फ्रांस के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों खुद इन खेलों की मेजबानी के लिए बड़े उत्सुक हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से यह उम्मीद नहीं की जा रही है। ट्रंप कुछ मुस्लिम देशों से नाराज हैं और उनकी ओर से लगाए गए विवादास्पद प्रतिबन्ध से स्थितियां उलझ गयी हैं।
ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए बढ़ते खर्चों के कारण पिछले दो सालों में मेजबानी के प्रारम्भिक प्रस्तावक बुडापेस्ट, रोम, हैम्बर्ग और बोस्टन ने अपने नाम वापस ले लिए थे। बोस्टन की भरपाई के लिए लास एंजेल्स आगे आया। लास एंजेल्स के मेयर एरिक गेरियाती ने दावा किया था की उनके पास सभी पुरानी सुविधाएं मौजूद हैं, जबकि उनमें थोड़ा सुधार किया जाना है। फिर खेल गांव के लिए भी यू. सी. एल. ए. यूनिवर्सिटी ने अपने हॉस्टल दिए जाने की स्वीकृति दे दी है। लॉस एंजेल्स ने अंतिम बार 1984 में ओलम्पिक खेलों का मेजबान बना था। हालांकि अमेरिका के एक दूसरे बड़े शहर एटलांटा में 1996 में ओलम्पिक हो चुके हैं।