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बिहार
सीवान को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने का लिया गया संकल्प
By Deshwani | Publish Date: 29/4/2017 5:21:43 PM
सीवान को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने का लिया गया संकल्प

 सीवान। राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के एक दिन पहले शनिवार को परफेक्ट विजन के तत्वावधान में श्रम अधीक्षक कार्यालय परिसर में सीवान जिले को बाल श्रम मुक्त करने व इस निमित्त एक व्यापक कार्ययोजना बनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला का उद्घाटन प्रभारी श्रम अधीक्षक वशिष्ठ साह, परफेक्ट विजन के सचिव मनोज मिश्र व हुसैनगंज के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी विजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित करके किया।
कार्यशाला को संबोधित करते प्रभारी श्रम अधीक्षक ने कहा कि बाल श्रम नियोजन एक सामाजिक अपराध है जो लोग बाल श्रमिकों को काम करते हैं, उन्हें किसी भी सूरत में अब उन्हें बख्शा नहीं जायेगा । परफेक्ट विजन के सचिव मनोज मिश्र ने कहा कि सन दो हजार में देश में पहली बार बालकों के अधिकारों की रक्षा व उनके संरक्षण के लिए एक समग्र कानून बनाया गया था । तदोपरांत बालकों के संरक्षण, पुनर्वास व उनके सर्वागीण विकास के लिये राष्ट्रीय व राज्य स्तर बाल संरक्षण आयोगों तथा समितियों, जिला स्तर पर बाल कल्याण समिति,किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस ईकाई, प्रखंड व पंचायत एवं ग्रामीण स्तर पर बाल संरक्षण समितियों के गठन के साथ-साथ श्रम संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग ओर रेलवे आदि कई विभागों द्वारा महत्वाकांक्षी कानून बनाये गये मगर आपसी समन्वय व अपेक्षित प्रतिबद्धता के अभाव में समुचित सफलता नहीं मिल पाई ।
उन्होंने कहा कि आज देश में साढ़े छह करोड़ से अधिक बाल मजदूर हैं। इसमें से 11 प्रतिशत बच्चे बिहार से हैं । देश का प्रत्येक 11वां बालक बाल श्रमिक है। उन्होंने क्षोभ प्रकट करते हुये कहा कि बाल श्रम के मामले में बिहार का दूसरा स्थान है। मिश्र ने आगे कहा कि जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिये संबद्ध पदाधिकारियों/ कर्मचारियों की पूरी निष्ठा व प्रतिबद्धता के साथ-साथ जनता को भी सहयोग करने की जरूरत है । महराजगंज के एलीओ दिवाकर प्रसाद ने बताया कि वे सभी व्यक्ति जो 14 वर्ष की आयु पूरी नहीं किये हैं व श्रमिक के रूप मे कार्य करते हों, वह बाल श्रमिक हैं । कार्यशाला में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले में अभियान चलाकर प्रत्येक सप्ताह प्रखंडवार रोस्टर के आधार पर बाल श्रमिकों का रेस्क्यू किया जाएगा व उनके पुनर्वास के लिए समुचित प्रबंध किया जायेगा ताकि वे दुबारा इस कुचक्र में न फंस सके । यह भी संकल्प लिया गया कि मई के पहले सप्ताह से रोस्टर के आधार पर इस पर अमल शुरू कर दिया जायेगा।
 
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