झारखंड
सुबोधकांत सहाय को मिल सकती है प्रदेश कांग्रेस की कमान
By Deshwani | Publish Date: 22/5/2017 10:59:12 AM रांची। दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। उन्हें पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर कांग्रेस आलाकमान गंभीरता से विचार कर रहा है। हाल के दिनों में उन्होंने कांग्रेस के लिए जिस तरह से काम किया है उससे आलाकमान उनसे संतुष्ट है।
इनमें गोला और बड़कागांव गोलीकांड में विपक्षी दलों के साथ समन्वय और सीएनटी और एसपीटी एक्ट के खिलाफ उनकी कार्यशैली अहम कारक बन गयी है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस में सुबोधकांत सहाय के कद का कोई दूसरा नेता नहीं है। बीते लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है। अल्पसंख्यकों के साथ समाज के हरेक वर्ग में उनकी पकड़ है। इसके अलावा उनका चार दशक से अधिक का राजनीतिक अनुभव भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उन्हें पसंदीदा उम्मीदवार बनाता है। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर आलाकमान संगठन को भी मजबूत करना चाहता है। प्रदेश कांग्रेस के अधिकतर अध्यक्ष आदिवासी समुदाय से रहे हैं और इसका लाभ भी पार्टी को मिला है। पर जैसे प्रदेश भाजपा ने रघुवर दास को सीएम बनाकर आदिवासी सीएम का स्थापित मानदंड तोड़ दिया वैसे ही कांग्रेस भी इस बार गैर आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है।
हालांकि सुबोधकांत सहाय की उम्मीदवारी की राह में रोड़े कम नहीं हैं। उनके विरोधी गुट ने आलाकमान को यह संदेश पहुंचाया है कि किसी कीमत पर सुबोधकांत सहाय को इस जिम्मेवारी से दूर रखा जाये। हालांकि इस धड़े की बात आलाकमान ने अनसुनी कर दी है। कांग्रेस आलाकमान वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में उन्हें ही अध्यक्ष बनाने की इसलिए सोच रहा है क्योंकि वे उस महागठबंधन को आकार देने में सक्षम हैं जिसका गठन कांग्रेस भाजपा को 2019 में टक्कर देने के लिए करना चाहती है। सुबोधकांत सहाय को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिलती है तो वह झाविमो, झामुमो और अन्य दलों को एकजुट करके इस दिशा में पहल कर सकते हैं। कांग्रेस के प्रति उनकी दीर्घकालीन निष्ठा भी उनकी उम्मीदवारी के लिए प्लस प्वाइंट माना जा रहा है।