झारखंड
सरेंडर नीति पर पुनर्विचार की मांग
By Deshwani | Publish Date: 16/5/2017 5:11:28 PMरांची। नक्सली कुंदन पाहन के सरेंडर कार्यक्रम का महिमामंडन हुआ है। पुलिस पदाधिकारियों और निर्दोष लोगों की हत्या करनेवाले कुंदन पाहन के सरेंडर कार्यक्रम में पुलिस के आलाधिकारी उससे ऐसे गले मिल रहे थे जैसे उसने देश के लिए मेडल जीता हो। उसके साथ सेल्फी ली जा रही थी और उसे नेता की तरह भाषण देने का मौका दिया जा रहा था।
ऐसा करके सरकार जनता को क्या संदेश देना चाहती है। मंगलवार को यह बातें आजसू के मुख्य प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहीं। भगत आजसू विधायक विकास मुंडा के मोरहाबादी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास चल रहे अनशन कार्यक्रम में बोल रहे थे। विकास मुंडा के अनशन का मंगलवार को तीसरा दिन है।
भगत ने कहा कि सरेंडर के बाद नक्सली कुंदन पाहन को जिस तरह प्रोत्साहन राशि के रुप में पंद्रह लाख का चेक दिया, उससे राज्य के युवा नक्सली बनने के लिए प्रेरित होंगे क्योंकि सरकार युवाओं को नौकरी दे नहीं रही और जो अपराध करके आ रहे हैं, उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है। सरकार को नक्सलियों की सरेंडर नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।