झारखंड
सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के दोषी हैं हेमंत सोरेन
By Deshwani | Publish Date: 13/5/2017 6:55:19 PMरांची। झारखंड में झामुमो सीएनटी एक्ट में संशोधन का विरोध और राजनीति दोनों कर रही है पर इसके उल्लंघन के दोषी हेमंत सोरेन खुद हैं। पूर्व विकास आयुक्त देवाशीष गुप्ता के नेतृत्व में काम कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने उनको एक्ट में उल्लंघन का दोषी पाया है। आदिवासियों और सरकारी जमीन की अवैध खरीद की जांच के लिये गठित विशेष जांच दल एसआईटी ने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करने का दोषी पाया है।
पूर्व विकास आयुक्त देवाशीष गुप्ता के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने अपनी जांच के क्रम में यह पाया कि हेमंत सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने धनबाद में जमीन खरीदने में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है। एसआईटी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जांच दल ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब आगे क्या होगा, यह सरकार पर निर्भर करता है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि इस पर आगे की कार्रवाई संबंधित डीसी को करनी है। वैसे हेमंत सोरेन धनबाद के गोविंदपुर में आदिवासी जमीन खरीदने के मामले मे लंबे समय तक विवादों में रहे हैं। चुनाव के दौरान भी उनपर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने और दो भाइयों के नाम पर धनबाद जिले के गोविंदपुर में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन खरीदी है।
सीएनटी एक्ट में प्रावधान है कि आदिवासी जमीन सिर्फ आदिवासी ही खरीद सकता है और वह भी तब जब वह उसी थाना क्षेत्र का निवासी हो। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था और शीर्ष अदालत ने इसकी डीसी से जांच कराने का आदेश दिया था। धनबाद के तत्कालीन डीसी ने तब कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि संबंधित परिवार धनबाद जिले का निवासी है। इसी आधार पर कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि याचिकाकर्ता ने डीसी के इस दावे पर सवाल उठाया था कि कोई व्यक्ति केवल चुनाव लड़ने के आधार पर ही राज्य में दो स्थानों का निवासी कैसे हो सकता है। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन उस वक्त राज्य के उपमुख्यमंत्री थे।