झारखंड
निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया तेज
By Deshwani | Publish Date: 29/4/2017 6:07:50 PMरांची। राजधानी के निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन हो, इसके लिए जिला प्रशासन सक्रिय है। डीसी ने पिछले दिनों सभी स्कूलों के प्रिंसिपल व स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक तो की ही, साथ ही साथ बीपीएल परिवारों को निजी स्कूलों में नामांकन के लिए जागरूक करने का काम भी किया। इसके लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सुबह नौ बजे से ही शिक्षा विभाग की ओर से सीबीएसई स्कूलों में चल रहे बीपीएल कोटे से दाखिले की प्रक्रिया के प्रचार के लिए रथ घुमाया गया।
इसके अलावा बीपीएल बच्चों के दाखिले को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से जिला के विभिन्न सरकारी स्कूलों में छह दिवसीय शिविर का आयोजन भी किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है। राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीएमपी, डोरंडा में लगाये गये इस शिविर में आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे साफ पता चलता है कि लोग निजी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अब ज्यादा जागरूक हो गये है। पिछले सोमवार से शनिवार तक लगाये गये शिविर में मंगलवार को सीबीएसई स्कूल में दाखिले को लेकर सोमवार से ज्यादा संख्या में अभिभावक पहुंचे। सुबह नौ बजे से लगे इस कैंप में 107 अभिभावक पहुंचे थे। इसमें से 81 आवेदन लेकर अपने घर लौट गये, वहीं 26 दस्तावेज के साथ सीबीएसई स्कूलों में आवेदन जमा कराया।
मंगलवार को कैंप में राजधानी के 15 स्कूल के लिए आवेदन किये गये। इन स्कूलों में 246 बीपीएल बच्चों की सीट खाली थी। वहीं बुधवार को कैंप में 15 स्कूलों में बीपीएल कोटे के 200 सीटों पर दाखिलें की प्रक्रिया चली। इसमें 312 अभिभावक पहुंचे। यहां 237 आवेदन बांटे गये और 75 जमा हुए। कैंप में सुबह 10 बजे से आवेदन मिलना था। लेकिन अभिभावक नौ बजे से ही लाइन में खड़े रहे। आवेदन के लिए शनिवार को भी अभिभावक बड़ी संख्या में शिविर में पहुंचे।
नामांकन के लिए आवेदन लेने पहुंचे दिलीप जायसवाल ने बताया कि स्लम क्षेत्रों में प्रचार रथ के आने के बाद कैंप की जानकारी मिली। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जिला प्रशासन की ओर से उठाया गया यह कदम अच्छा है। उन्होंने कहा कि पहले से भी इस बात की जानकारी थी कि निजी स्कूलों में बीपीएल परिवार के बच्चों के नामांकन के लिए आरक्षण निर्धारित किया गया है। मैंने अपने पहले भी कोशिश किया था, लेकिन बच्चे का नामांकन नहीं हो पाया क्योंकि स्कूल प्रबंधन के लोग बीपीएल के लिए निर्धारित पूरी सीट को नहीं भरते थे। लेकिन सरकार के इस प्रयास से लगता है कि इस बार मेरे बेटे का नामांकन हो जायेगा।