रांची, (हि.स.)। झारखंड विधानसभा में लगातार छठे दिन बुधवार को भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने एक अल्पसूचित प्रश्न पर सरकार से जवाब दिलवाया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य अपनी पुरानी मांगों को लेकर सदन में शोर शराबा करने लगे। वे मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डीके पांडे और एडीजी अनुराग गुप्ता को हटाने तथा उनके कार्यकाल की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे थे । विपक्षी सदस्यों ने राज्य में भूख से हो रही मौत और कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार से जवाब मांगने की कोशिश की।
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नोत्तर काल की कार्रवाही चलने देने का आग्रह किया। इस दौरान भाजपा के राधा कृष्ण किशोर के एक प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने बताया कि विभाग द्वारा इस वर्ष करीब 12,000 करोड़ रुपये की योजना बनायी गई है ।
उन्होंने बताया कि मार्च महीने तक योजना मद की राशि खर्च कर दी जाएगी। उन्होंने सदन को यह भरोसा दिलाया कि चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक शत-प्रतिशत राशि का उपयोग कर लिया जाएगा। राधा-कृष्ण किशोर ने एक अन्य प्रश्न में रांची-जमशेदपुर और शहरी निकाय में रह रहे गंदी बस्ती के लोगों के विकास के लिए उठाए गए कदम के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि सदन व्यवस्थित रहेगा तभी वह अपना जवाब देंगे ।
इस बीच विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन पूरी तरह हंगामे में डूब गया। सत्ता पक्ष के सदस्य प्रश्नोत्तर काल को बाधित किए जाने के विरोध में अपने स्थान से खड़े होकर शोर शराबा करने लगे । वहीं विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए आसन के निकट आ गए। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाही भोजनावकाश दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी ।
इससे पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के मुख्य द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया। उधर इस सत्र में सत्ता पक्ष के भी सदस्यों ने पहली बार मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और सदन को बाधित करने के लिए जिम्मेवार विपक्षी विधायकों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।