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झारखंड
पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, इसलिए सूर्योदय पूर्व से होता है: प्रो नारलीकर
By Deshwani | Publish Date: 27/3/2017 4:54:55 PM
पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, इसलिए सूर्योदय पूर्व से होता है: प्रो नारलीकर

रांची, (हि.स)। पद्मविभूषण विजेता भौतिक विज्ञानी प्रो. जयंत विष्णु नारलीकर ने कहा कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर चक्कर लगाती है। इसलिए सूर्य पूरब की ओर उदित होता दिखाई पड़ता है। यदि पृथ्वी अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चक्कर लगाएगी तो सूर्य पश्चिम की ओर उदित होता दिखाई पड़ेगा, जो असंभव है। प्रो. नारलीकर सोमवार को रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में इंट्रैक्शन प्रोग्राम में स्टूडेंट्स और फैकल्टी से बातचीत कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि एक बार वे प्लेन से लंदन से शिकागो जा रहे थे। उनके बगल में खिड़की के पास एक एस्ट्रोनॉमर बैठे थे। वे टेलीस्कोप से बाहर का दृश्य देख रहे थे। उन्हें लगा कि सूर्य पश्चिम दिशा में क्षितिज से ऊपर की ओर बढ़ रहा है। यानी सूर्य पश्चिम दिशा में उदित हो रहा है। यह रोमांचक दृश्य था। स्ट्रोनॉमर ने मुझे भी वह दृश्य दिखाया। ऐसा कुछ क्षण के लिए हुआ था। मौके पर प्रो. नारलीकर ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि सूर्य पश्चिम में उदित होता तभी दिखाई देगा, जब चार स्थितियां एक साथ हों। पहला जब सूर्य क्षितिज पर हो, दूसरा प्लेन ऊंचे अक्षांश पर उड़ रहा हो, तीसरा प्लेन पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर जा रहा हो, चौथा प्लेन की गति पृथ्वी की घूर्णन गति से अधिक हो। 
मौके पर विद्यार्थियों ने कई सवाल भी पूछे। कार्यक्रम में प्रो. नारलीकर की पत्नी वैज्ञानिक मंगला नारलीकर, राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सत्यपथी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ. एससी गुप्ता, कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे। 
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