झारखंड
प्रत्याशी के नाम पर संशय में झामुमो
By Deshwani | Publish Date: 10/3/2017 12:42:49 PMरांची। पाकुड़ जिले के लिट्टीपड़ा विधानसभा उपचुनाव की घोषणा होने के बाद ही झारखंड में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर संशय की स्थिति में दिख रही हैं। वही झामुमो पार्टी भी अभी असमंजस की स्थिति में बना हुआ है। लिट्टीपाड़ा विधानसभा सीट झामुमो की सीटिंग सीट रही है। यहां से झामुमो के अनिल मुर्मू विधायक थे, जिनका बीते दिनों निधन हो गया था। उसके बाद से यह सीट खाली है। संथाल परगना झामुमो का गढ़ माना जाता है।
यहां से झामुमो के सबसे ज्यादा विधायक हैं। इसलिए झामुमों के लिए सीट जीतना जरूरी है। इधर पार्टी संशय में है कि इस सीट पर किसे टिकट दिया जाए, क्योंकि अनिल मुर्मू की पत्नी दुमका कॉलेज में स्टाफ है। सूत्रों के अनुसार अनिल मुर्मू की पत्नी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी ने कहा कि उनकी तीन बेटियां हैं और उनकी जिम्मेदारी बढ़ गयी है। इसलिए वह राजनीति में नहीं आना चाहती। वहीं झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बेटे बसंत सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रहा है। बताया जाता है कि लिट्टीपड़ा में झामुमो नेता प्रत्याशी को लेकर बैठक कर रहे हैं और बसंत सोरेन को प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते हैं।
इस संबंध में झामुमो प्रवक्ता मनोज कुमार पांडे ने बताया की लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रत्याशी के नाम की चर्चा चल रही है आगामी दो-तीन दिनों में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन लिट्टीपड़ा जाएंगे और वहां की स्थितियों से अवगत होंगे। उसके बाद ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जायेगी। मालूम हो की केंद्रीय चुनाव आयोग ने नौ मार्च को लिट्टीपाड़ा विधानसभा उप चुनाव की घोषणा कर दी है। 14 मार्च से नामांकन शुरू होगा, जो 21 मार्च तक चलेगा। 22 मार्च को इस स्क्रूटनी होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 24 मार्च है। लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए 9 अप्रैल को मतदान होगा और 13 अप्रैल को मतगणना होगी। चुनाव की घोषणा के साथ ही लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता लागू हो गई है।