झारखंड
कार्डिनल कर रहे सियासत, कोई नहीं ले सकता आदिवासियों की एक इंच जमीन : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 9/3/2017 4:43:20 PM रांची । कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद छोटानागपुर और संताल परगना काश्तकारी कानून (सीएनटी-एसपीटी एक्ट) को लेकर सूबे में राजनीति फिर से गरमा गयी है। संशोधन के खिलाफ आंदोलन की चिंगारी जहां दिल्ली तक जा पहुंची, वहीं भाजपा ने राज्यपाल से कार्डिनल की मुलाकात को राजनीतिक करार देते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गौरतलब है कि कार्डिनल ने झारखंड के चर्च बिशपों के साथ राज्यपाल से मुलाकात के दौरान उन्हें एक ज्ञापन सौंप कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन को कानूनी रूप देने से रोकने की मांग की है।
कार्डिनल पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि कार्डिनल राजभवन जाये या राष्ट्रपति भवन हम उनके तेवर से डरने वाले नहीं है। सरकार राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है और करती रहेगी। कार्डिनल सियासत कर रहे है। आदिवासियों की अधिकारों और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए ही एक्ट में संशोधन किया गया है। आदिवासियों की एक इंच जमीन भी उनकी सहमति के बिना कोई नहीं ले सकता है। गरीबी दूर करने और अनुसूचित जिलों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अर्जुन मुंडा और हेमंत सोरेने भी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करना चाहते थे। उनके अनुसार वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मथुरा महतो ने सबसे पहले इसका प्रस्ताव लाया था।
इस प्रस्ताव को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सह वित्तीय मंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसे तार्किक और राज्यहित में बताया था। यह प्रस्ताव जब दोबारा अर्जुन मुंडा के पास गया तो उन्होंने इसे जनजातीय परामर्शदातृ समिति (टीएसी) के माध्यम से भेजने को कहा। इस बीच उनकी सरकार गिर गयी। बाद में हेमंत ने अपनी सरकार में टीएसी की बैठक में इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उनके द्वारा किये गये प्रयासों को ही आगे बढ़ाया है।