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रांची
चोटी कटवा से दहशत में हैं झारखंड की महिलाएं
By Deshwani | Publish Date: 19/8/2017 6:53:15 PM
चोटी कटवा से दहशत में हैं झारखंड की महिलाएं

रांची,  (हि.स.)। देश के विभिन्न प्रदेशो से होते हुए चोटी कटवा की अफवाह अब झारखंड पहुंच चुकी है। राज्य की महिलाएं इन अफवाओं से जहां दहशत में हैं वहीं चोटीकटवा के आरोप में भीड़ ने एक महिला की हत्या कर दी है। साहेबगंज जिले के उधवा प्रखंड के मीरनगर में चोटी कटवा के अफवाह पर शनिवार को गोलवंती देवी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। चोटी कटवा गिरोह का सदस्य होने के आरोप में नौ वर्षीय एक बच्चे और एक अन्य महिला की भी बुरी तरह पिटाई की गई। पुलिस ने दोनों को भीड़ से मुक्त कराकर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया है। 

राज्य में चोटी कटवा का अफवाह फैलना स्वतंत्रता दिवस के दिन शुरू हुआ था। उस दिन राजधानी रांची के रातू क्षेत्र के पुरिया पंचायत के मलमाडू गांव में अपने घर में सो रही 22 वर्षीय मनीषा मुंडाइन की चोटी कटने की जानकारी मिली। संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि रात में जब उनकी नींद खुली तो देखा कि चोटी कट कर पलंग पर है। यह देख वह बेहोश हो गयी। दूसरी घटना कोकर के खोरहा टोली निवासी 17 वर्षीय महेंद्र यादव से जुड़ी है। महेन्द्र ने बताया कि 15 अगस्त की रात करीब नौ बजे घर से बाहर खड़ा था। अचानक उसे ऐसा महसूस हुआ कि कोई आया और उसे जमीन पर पटक दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो देखा कि उसके सर पर बाल नहीं है। इससे पहले राज्य के विभिन्न जिलों से भी कई महिलाओं के बाल काटे जाने की खबरें आती रही हैं।
गोड्डा जिले के मेहरमा प्रखंड के बलबड्डा थाना के मोदरा गांव में दस अगस्त को 20 वर्षीय साजिदा खातून की चोटी कट जाने के बाद वह बेहोश हो गयी थी। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गयी थी। थाना प्रभारी देव कुमार होरो ने घटना की पुष्टि की है। होश में आने के बाद साजिदा ने बताया कि धानरोपनी के बाद वह घर लौटी और बरामदे में सो गयी। तभी किसी कीड़े की आवाज सुनायी दी, जो तेज गति से उसके सिर से आकर टकराया। उसके बाद जैसे ही महिला ने अपने सिर पर हाथ फेरा, तो चोटी कटा हुआ पाया। यह देखकर वह बेहोश हो गयी। उसी दिन जिले के ही चजोरा गांव की 21 वर्षीय उमा देवी की चोटी तब कट गयी जब वह रात में सोयी हुई थी। जैसे ही उसे इसका अभास हुआ वह बेहोश हो गयी। इसके बाद उसका झाड़फूंक कराया गया।
दस अगस्त को ही पलामू जिले के छतरपुर स्थित बौरहवाखांड गांव में वृद्धा देवकली देवी की चोटी रात में कट गयी। घटना के वक्त वह नींद में थी। अगले दिन सुबह उसने अपनी चोटी गायब देख परेशान हो उठी। बोकारो के गोमिया प्रखंड के साड़म पश्चिमी पंचायत स्थित केवल टोला निवासी बसंती देवी ने बताया कि वह दोपहर में बर्तन धो रही थी। इसी दौरान उसकी चोटी कट गयी और वह बेहोश हो गयी। उसने बताया कि उसे महसूस हुआ कि उसके गाल पर कोई कीड़ा बैठा हुआ है, उसने हाथ से कीड़ा को भगाया लेकिन कीड़ा उसके बाल में घुस गया। उसे लगा कि कोई उसका बाल कुतर रहा है। जबतक वह बाल देखती उसके बाल कटकर जमीन पर गिर गये। यह देखकर वह बेहोश हो गयी।
देश में सबसे पहले चोटी कटने की घटना खबर राजस्थान से आयी। इसके बाद दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी इस तरह की खबरें आती रहीं। अब झारखंड में भी चोटी कटवा का अफवाह जोरों पर है। पुलिस और प्रशासन की ओर से लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गयी है। उधर, रांची के कोकर, हिंदपीढ़ी, कृष्णापुरी, रातु, सुखदेवनगर क्षेत्र के मधुकम, हिनू, डोरंडा और ग्रामीण क्षेत्रों में मांडर, चान्हो, खलारी, कांके, नामकुम क्षेत्रों में रहस्यमय ढ़ंग से चोटी कटवा गिरोह की अफवाह ने दहशत फैला रखी है। लोगों में खासकर महिलाओं में भय इस कदर समां गया है कि वे रतजगा करने को विवश है। हालांकि ऐसी अफवाह ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा दिख रही है। प्रतिदिन किसी न किसी महिला की चोटी कटने की अपुष्ट सूचना मिल रही है। कई महिलाएं बीमार, तो कई अचेत अवस्था में पायी जा रही हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर घर या आसपास के लोग कोई ठोस जानकारी देने में असमर्थ हैं। 
इस तरह की खबरों से पुलिस महकमा भी परेशान हैं। चिकित्सकों का कहना है कि चोटी कटने से बेहोश होना, बीमार होने या मौत से कोई संबंध नहीं है। चोटी कटने की अफवाह से लोग बेहोश हो रहे हैं। इसके पीछे कोई कारण नहीं है। इस अफवाह के बाद लोग चोटी कटवा गिरोह से बचने के लिए कई तरह के नुस्खे अपना रहे हैं। कोई अपने घर में नीम व कैक्टस के पत्ते लगा कर रखा है। कहीं हल्दी के छाप लगाये गये हैं, तो कही नींबू मिर्चा, जूता, झाड़ी आदि लगा कर रखा जा रहा है। वहीं दुमका जिले के सरैयाटा एवं रामगढ़ प्रखंड में चोटी कटने की डर से महिलाएं अपनी चोटी में नीम का पत्ता डालकर घूम रही हैं।
 
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