झारखंड
एक पंथ दो काज साबित हो रहा है लालू का रांची दौरा
By Deshwani | Publish Date: 5/8/2017 7:38:27 PMरांची, (हि.स.)। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने ओर गवाही के सिलसिले में लगातार रांची का दौरा कर रहे हैं। पिछले दो माह में वह करीब 10 दफा रांची का चक्कर लगा चुके हैं। रांची प्रवास के दौरान लालू अदालती काम-काज से निपटने के बाद विपक्षी दलों के बीच संवादहीनता मिटाने और उन्हें एकजुट करने का प्रयास करते हैं। इसमें उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी करीब आये हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और विपक्षी दलों के अन्य नेता लालू से मिलते रहे हैं। वे एकजुट भी हुये हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से निकटता के बावजूद बाबूलाल ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन किया। जबकि नीतीश पहले ही एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर चुके थे। हांलाकि बिहार में महागठबंधन टूटने और नीतीश के भाजपा के साथ जाने से लालू को बड़ा झटका लगा है। फिर भी वह झारखंड के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के प्रति आश्वस्त हैं। बीते बुधवार से शुक्रवार तक लालू रांची में थे। इस दौरान हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी सहित कई नेताओं ने लालू से मुलाकात की।
लालू ने उनसे झारखंड में विपक्षी गठबंधन को और मजबूत बनाने की रणनीति पर चर्चा की। राजद प्रमुख का कहना था कि भाजपा के खिलाफ मजबूत घेराबंदी की जरूरत है। इसके लिये विपक्षी दलों को अपना एजेंडा और पद की चिंता छोड़ कर एक साथ आना होगा। लालू ने इस बार उनसे मिलने आये बाबूलाल को जदयू नेता शरद यादव से फोन पर बात करायी। बिहार में जदयू-भाजपा गठजोड़ से शरद यादव बेहद नाराज हैं। उन्होंने साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। लालू भी इसी मुहिम में लगे हैं। उन्होंने 27 अगस्त को पटना में प्रस्तावित राजद की रैली में भाजपा विरोधी सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। रांची में लालू की मौजूदगी ने विपक्ष की एकजुटता के साथ ही झारखंड में राजद को भी सक्रिय किया है। इस लिहाज से लालू का रांची दौरा उनके लिये एक पंथ दो काज साबित हो रहा है।