रांची, (हि.स.)। झारखंड में पांच दिनों से लगातार बारिश से बेपटरी हुआ जनजीवन अब सामान्य होने लगा है। गुरुवार सुबह से ही सड़कों पर लोगों की चहल-कदमी से धीरे-धीरे जिंदगी रफ्तार पकड़ती नजर आयी। रोजमर्रा की तरह सभी अपने-अपने कामों पर लौटने लगे हैं। झारखंड में बारिश थमने के बाद नदियों के उफान पर भी ब्रेक लगने लगा है। भारी बारिश से घरों में कैद लोग खिली धूप में बाहर निकलने लगे हैं। गढ़वा, पाकुड़, जमशेदपुर में धूप खिली है। कमोबेश हर जिले की यही स्थिति है।
गौरतलब है कि झारखंड के लोहरदगा, जमशेदपुर, बोकारो, गढ़वा, चतरा, रामगढ़ और गुमला जिले में बारिश ने सबसे ज्यादा तांडव मचाया था। इसकी वजह से कई लोग असमय काल के गाल में समा गये तो कइयों के सर से छत छिन गयी। बारिश के दौरान तबाही का ऐसा विकराल रूप दिखा कि कइयों की जिंदगी उजड़ गयी। झारखंड में 59 वर्षों के बाद बारिश का ऐसा विकराल रूप दिखा। घरों में बारिश का पानी घुसा, कई स्थानों पर सड़क का बड़ा हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया।
इस दरम्यान राज्य के मेदिनीनगर से रांची आ रही एक एंबुलेंस लोहरदगा के पास नदी में बह गयी। इसमें चार लोगों की मौत हो गयी। रामगढ़ जिले के गोला में बरियातु पुल पार करने के दौरान होंडो सिटी कार के साथ एमबीए के दो छात्र बह गये। खूंटी जिले में भारी बारिश से घर का दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। राजधानी रांची के रातू में ऑटो पर पेड़ गिरने से तीन लोगों की मौत हो गयी। गढ़वा के कांडी नदी में डूबकर एक बच्ची और धनबाद में दीवार गिरने से दो की मौत हो गयी। बोकारो में एक युवक नदी के तेज बहाव में बह गया। राजधानी के स्वर्णरेखा, पोटपोटो, जुमार नदी, रामगढ़ के भैरव नदी सहित अन्य उफान पर थीं। कई पुल और पुलिया बह गये।