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झारखंड
स्पेशल ब्रांच के डीएसपी हर सप्ताह जेल की करेंगे समीक्षा
By Deshwani | Publish Date: 30/6/2017 3:29:50 PM
स्पेशल ब्रांच के डीएसपी हर सप्ताह जेल की करेंगे समीक्षा

रांची, (हि.स.)। स्पेशल ब्रांच के डीएसपी हर सप्ताह राज्य के सभी जिलों की समीक्षा करेंगे। राज्य के जिलों में खतरनाक कैदियों पर पुलिस प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। जेल भेजे जाने वाले खतरनाक कैदियों और खतरे का हर सप्ताह स्पेशल ब्रांच के डीएसपी और एसडीपीओ आकलन करेंगे।
कुख्यात बंदियों को कोर्ट में पेशी या अस्पताल के लिए भेजे जाने के दौरान भी सुरक्षा के मामले में विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा में तैनात स्कॉर्ट में शामिल जवान औचक तलाशी लेंगे। जेलों की सुरक्षा के लिए (एसओपी) स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया गया है। इसके आधार पर गृह विभाग ने राज्य के सभी एसपी और डीसी को सुरक्षा के मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।
डीसी-एसपी को जेल का संयुक्त रूप से निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही एसओपी में कहा गया है कि कोर्ट में कैदियों की पेशी के पूर्व गहन तलाशी ली जाए ताकि कोई भी प्रतिबंधित सामग्री कोर्ट के भीतर ना जाए।
इतना ही नहीं, कैदियों के जूते चप्पल भी खुलवा कर कोर्ट के बाहर रखे जाए। जेल के बाहरी द्वार पर कैदियों से मुलाकात करने वालों द्वारा दी जाने वाली खाद्य सामग्री की भी जाँच की जाएं और कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के दौरान कैदियों की तलाशी की जाए। साथ ही बाहर के अस्पताल में भर्ती कैदियों की भी तलाशी जरूरी है ताकि उनके पास प्रतिबंधित सामग्री ना रहे।
तीन माह में डीसी और एसपी सुरक्षा ऑडिट करेंगे। जिसमें जेल में लगाए गए सुरक्षा उपकरणों की जांच भी शामिल होगी। अनुशासनहीनता बरतने पर सुरक्षाबलों पर तत्काल कार्रवाई होगी। जिला पुलिस और स्पेशल ब्रांच के अवसर खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करते रहेंगे। ताकि समय रहते किसी भी बड़ी घटना को रोका जा सके।
एसओपी में जेल की मुलाकात ही तक समेत पांच स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की बात कही गई है। इनमें जेल परिसर में स्टेटिक आर्म गार्ड की तैनाती, पैरामीटर, वाच टावर, जेल गेट मुलाकाती कमरे और जेल के मुख्य द्वार के बाहर सुरक्षा बल की प्रतिनियुक्ति की जानी है।
जेल की चारदीवारी पर स्थित बाहरी गेट पर मुलाकातियों द्वारा बंदियों को दी जानेवाली खाद्य सामग्रियों की तलाशी ली जाएगी। यह कार्य बाहरी गेट पर तैनात जिला पुलिस या जैप के सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जाएगा। जेल में बंद बंदियों के कमरों और प्रकोष्ठों पर भी औचक तलाशी के लिए जिले के डीसी द्वारा एक स्थाई आदेश जारी किया जाएगा।

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