रांची, (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि हमारी सरकार उग्रवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए वचनबद्ध है और इसके नतीजे दिखने लगे हैं। आज राज्य में नक्सल समस्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आ गयी है। नक्सली अब पॉकेट में सिमट रहे हैं। साल के अंत तक नक्सल समस्या पूरी तरह समाप्त हो जायेगी। सीमावर्ती राज्यों से सटे क्षेत्रों में राज्यों के साथ ब्लॉक-थाने स्तर तक समन्वय बनाकर काम करना जरूरी है। राज्य की सीमा से सटे दो किलोमीटर अंदर तक के गांवों में सीमावर्ती विकास कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। दास मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में यूनिफाइड कमांड मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे।
दास ने कहा कि राज्य में भयादोहन के लिए अपराधियों द्वारा संगठन तैयार किया गया है। इनपर भी अंकुश लगाने का काम जारी है। इन्हें उग्रवादियों से न जोड़ें। डीसी-एसपी के अंतर्गत यूनिफाइड कमांड की तर्ज पर उग्रवाद प्रभावित जिले में इसका गठन किया जायेगा। लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए कैंप खोले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम चल रहा है। सरकार की आकर्षक प्रत्यार्पण और पुरस्कार पॉलिसी के कारण बड़ी संख्या में राज्य के दुर्दांत उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि एसआरई स्कीम के तहत 314 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भारत सरकार के पास बकाया है। इसे जल्द राज्य सरकार को उपलब्ध कराया जाये। साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया।
दास ने निर्देश दिया कि उग्रवादी घटनाओं में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों और आम नागरिकों को हर वर्ष एक स्थान पर बुलाकर गेट-टू-गेदर करें। उग्रवादियों के साथ ही उनके संरक्षकों पर भी कड़ी नजर रखें और कार्रवाई करें। क्षेत्रों में तैनात जवानों को अच्छी सुविधा मिले, इसका खास ध्यान रखें। गृह सचिव की अध्यक्षता में यूनीफाइड कमांड से संबंधित सभी सेक्टर की हर माह बैठक करें और जो मामले संज्ञान में आये उनका निराकरण तय समय में करें। हर तीन माह में मुख्यमंत्री स्तर पर इसकी समीक्षा बैठक होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप के स्थान पर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट सेंटर शुरू किया जाये। यहां पुलिस सुरक्षा के साथ ही विकास कार्य भी किये जायें। जिन क्षेत्रों में उग्रवादियों का दबदबा है, वहीं नये कैंप शुरू करने की जरूरत है। इसमें बूढ़ा पहाड़ सबसे प्रमुख है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2012 में 180 उग्रवादी घटनाओं की तुलना में वर्ष 2016 में 67 घटनाएं हुईं। पिछले तीन साल से इनमें लगातार कमी आ रही है। रांची में एनआईए की शाखा जल्द खुलेगी। एटीएस का गठन किया जा चुका है। राज्य को जल्द आईआरबी की तीन बटालियन मिल जायेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव जयदीप गोविंद ने कहा कि झारखंड में उग्रवाद समस्या के निराकरण के लिए काफी अच्छा काम किया है। यहां के आंकड़े पूरे देश के लिए उत्साहवर्द्धक और प्रेरक हैं। छोटे-छोटे कदम उठा कर राज्य को उग्रवाद मुक्त कराया जा सकता है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य उग्रवाद मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है। फिलहाल केंद्रीय फोर्स न हटाया जाये। कुछ साल फोर्स रहने से उग्रवादी फिर से नहीं पनपेंगे। बैठक में डीजीपी डीके पांडेय, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी, सीआरपीएफ के वरीय पदाधिकारी, आईबी और एसएसबी के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।