ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
झारखंड
भाजपा मुख्यालय पर हमले में चर्च पर उठ रहे हैं सवाल
By Deshwani | Publish Date: 9/6/2017 7:38:04 PM
भाजपा मुख्यालय पर हमले में चर्च पर उठ रहे हैं सवाल

रांची, (हि.स.)। झारखंड भाजपा मुख्यालय पर हुये हमले को लेकर चर्च पर सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार को कुछ आदिवासी संगठनों की सीएनटी-एसपीटी के खिलाफ रैली के दौरान भीड़ ने भाजपा मुख्यालय के बाहर लगे शहीदों के पोस्टर फाड़ दिये और कार्यालय पर पत्थरबाजी भी की। इस घटना को भाजपा के नेता चर्च साजिश के रूप में देख रहे हैं। 

शुक्रवार को वॉटसएप और फेसबुक पेज पर पार्टी के नेता मुखर होकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भाजपा नेता मुकेश मुक्ता ने साफ कहा है कि इस घटना के पीछे चर्च का हाथ है। वहीं पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, राजेश मिश्रा और संजय जायसवाल ने इसे शर्मनाक घटना बताया है।
रघुवर दास सरकार ने जब से सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन का फैसला लिया है तभी से आदिवासी संगठनों का विरोध जारी है। कई मौके पर भाजपा नेताओं ने चर्च के खिलाफ खुल कर बयान भी दिया है। नेताओं ने बार-बार आरोप लगाया कि झारखंड के विकास विरोधी है चर्च और इस मुददे पर भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह कर रहा है। सीएनटी के मुद्दे पर ईसाई धर्म गुरू कार्डिनल तेलोसोफर टोप्पो के राज्यपाल द्रोपद्रि मूर्मू से मुलाकात ने आग में घी डालने का काम किया।
इस मुलाकात के बाद भाजपा भड़क गयी। पार्टी के नेताआें ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि कार्डिनल एक धर्मगुरू हैं, उनकाें राजनीतिक मामलों के बीच नहीं पडना चाहिए। धर्मगुरू यदि राजनीति करना चाहते हैं तो धर्म गुरू का चाेला उतार कर खुल के मैदान में आना चाहिए, फिर राजनीति करना चाहिए।
उधर, मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा धर्मांतरण पर चर्च के खिलाफ दिये गये बयान ने भी काफी तूल पकड़ लिया था। इस बयान के बाद राज्य के एक आइएएस अफसर वंदना डाडेल ने सरकार के खिलाफ ही धार्मिक आजादी का मुद्दा उठाते हुये मोर्चा खाेल दिया था। 
हालांकि सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे पर सीएम रघुवर दास को अपनी ही पार्टी और सरकार में शामिल दलों के नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो खुल के सरकार के इस फैसले का विराध कर चुके हैं। वहीं भाजपा के अधिकांश आदिवासी विधायक भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ नहीं हैं।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS