झारखंड
जमशेदपुर में 11 जून को ललकारेंगे नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 5/6/2017 4:07:21 PMरांची,(हि.स.)। झारखंड में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का कोई जनाधार नहीं है। राज्य विधानसभा में पार्टी का एक भी सदस्य नहीं है। इसके बावजूद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूछ राज्य में बढ़ रही है। नीतीश एक महीने के अन्दर दूसरी बार झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं। वह 11 जून को जमशेदपुर में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) की रैली को सम्बोधित करेंगे।
झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने इसके लिए उन्हें खासतौर पर आमंत्रित किया है। झाविमो के केंद्रीय सचिव अभय सिंह के अनुसार नीतीश कुमार ने उनका आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि कुमार ने बीते 17 मई को रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से आयोजित सरकार गिराओ, झारखंड बचाओ रैली को सम्बोधित किया था। उस रैली में कुमार ने छोटानागपुर-संथाल परगंना काश्कारी कानूनू (सीएनटी-एसपीटी) एक्ट में संशोधन को लेकर झारखंड सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट आदिवासियों और मूलवासियों का रक्षा कवच है। इसमें संशोधन कर सरकार आदिवासियों की गला दबाकर हत्या कर रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड सरकार की जनविरोध नीतिय़ों के खिलाफ सभी दलों और मंचों को एक साथ आने का आह्वान किया था। नीतीश एक सुलझे और मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं, वह नब्ज टटोलन में भी माहिर हैं। उन्हें पता है कि झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर पूरा आदिवासी समाज आंदोलित है। आदिवासियों के मर्म को समझते हुए नीतीश कुमार उनके हमदर्द बन रहे हैं। मरांडी और कुमार दोनों ही अभी भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं। दरअसल भाजपा विरोधी पार्टियों की रणनीति अगले आम चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने की है। भाजपा विरोधी पार्टियां अभी राष्ट्रपति चुनाव के बहाने एकजुट होने का प्रयास कर रही हैं। लेकिन उनका मकसद अगले चुनाव में एकजुट होकर भाजपा को चुनौती देना है। नीतीश कुमार की सक्रियता को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। उनके जमशेदपुर दौरे में खास बात यह होगी कि वह मुख्यमंत्री रघुवर दास के ही विधानसभा क्षेत्र में उनकी सरकार को ललकारेंगे।