झारखंड
दुनिया भर में पहचान बनायेगा झारखंड का तसर : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 25/5/2017 4:37:19 PMरांची, (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि बदलते वक्त के साथ यहां के तसर उत्पादकों और तसर को परिधान का रूप देने वालों को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। फैशन के अनुरूप तथा बाजार की मांग के अनुरूप हमें चलना होगा। ताकि झारखंड का तसर विश्व पटल पर अपनी पहचान स्थपित कर सके। तसर उत्पादन और बेहतर परिधान बाजार में उपलब्ध करा हम दुनिया में एक मजबूत बाजार बना सकते हैं। दास गुरुवार को होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित झारखंड फैशन फेस्टिवल के उदघाटन समारोह में बोल रहे थे।
दास ने कहा कि झारखंड की धरती पर अलग-अलग राज्यों से आये लोगों का स्वागत है। राज्य सरकार तसर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। तसर उत्पादकों को हर संभव सहयोग राज्य सरकार करेगी। झारखंड की टेक्सटाइल नीति बेहतर है। अब तक तीन टेक्सटाइल उद्योगों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। आनेवाले दिनों में और भी निवेश होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 82 प्रतिशत तसर का उत्पादन होता है। लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से यहां के कच्चा माल का उपयोग कोई और कर अपनी ब्रांडिंग करता है। झारक्राफ्ट को इस दिशा में कार्य करते हुए एक ब्रांड के रूप में विकसित होना होगा।
दास ने कहा कि राज्य में लाह का उत्पादन 62 प्रतिशत होता है। यहां के लाह से बनी चूड़ियां अन्य राज्यों के पहचान से बिकती हैं। इस परिपाटी को हमें बदलना है। इस कार्य हेतु सरकार कार्य कर रही है। राज्य में मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन हो रहा है। इस बोर्ड में 32 हजार गांव की महिलाओं को जोड़ने की पहल होगी। इस तरह करीब 4 लाख 80 हजार महिलाओं को जोड़ने की योजना है। इन महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण पर राज्य सरकार करीब 700 करोड़ रुपए व्यय करेगी। मौके पर कुपला कैफेला की निदेशक समिस्था सोम ने कहा कि देश की विशाल धरोहर से प्रभावित हूं। मैंने भारतीय टेक्सटाइल को चुना और सोशल मीडिया के माध्यम से कई देश में हम कार्य कर रहे है। यहां की तकनीक और परिधान सभी को पसंद है। झारखंड में तसर का काम बेहतर है। यहां कि महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनको इस उद्योग से जोड़ने की पहल हो रही है। हम सब को मिल कर अपनी संस्कृति और परंपरा को उपभोक्ता तक पहुंचाने की कोशिश करनी है। वक्त और फैशन के अनुसार खुद को बदलने की जरुरत है। लुप्त हो रही कला को फिर से जीवंत कर लोगों तक पहुंचाने की कोशिश होनी चहिये।
वहीं जम्मू-कश्मीर से आये बिलाई अहमद ने कहा कि कश्मीर देश-दुनिया में हैंडलूम के लिए जाना जाता है। जम्मू-कश्मीर की सरकार ने हैंडलूम में काफी काम किया है, ताकि लोगों को रोजगार प्राप्त हो। केंद्र सरकार ने भी इस उद्योग को आगे लाने और रोजगार सृजन के लिए काम किया है। हम सब को मिलकर अपने देश की कला को इंडस्ट्री के साथ जोड़ कर रोजगार बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। झारखंड का तसर उत्कृष्ट कोटि का है। यहां के तसर को देश दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास होगा। झारखंड सरकार को धन्यवाद। यहां के अधिकारियों से सहयोग मिल रहा है। आशा है आगे भी मिलेगा। स्थानीय लोगों को साथ लेकर इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने का काम हम मिल कर करेंगे। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, उद्योग निदेशक के रवि कुमार समेत अन्य मौजूद थे।