राज्य
नाईक ने साढ़े तीन सालों में 22 हजार लोगों से राजभवन में की मुलाकात
By Deshwani | Publish Date: 2/2/2018 8:05:10 PM लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का साढ़े तीन साल का कार्यकाल एक बेहतर उत्तर प्रदेश का चित्र उभारने में बीता। उन्होंने स्वयं को केन्द्र के प्रतिनिधि के साथ ही राज्य की ‘जनता का अपना राज्यपाल’ के रूप में भी स्थापित किया है। राज्य की जनता के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलने जुलने की जो परम्परा उन्होंने शुरू की उसमें जनवरी 2018 तक वह लगभग 22 हजार लोगों से भेंट कर चुके हैं।
मराठी होते हुये भी उन्होंने हिन्दी भाषी जनता के साथ संवाद को न केवल बढ़ाया बल्कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश की पहचान (ब्रांडिंग) में भी भरपूर योगदान किया है। उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख केन्द्र रहा है। इसके बावजूद आजादी के बाद स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अतिरिक्त आजादी के लड़ाई के अन्य प्रस्थान बिन्दुओं पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता रहा है। राज्यपाल राम नाईक ने राज्य की इस कमी को दूर करते हुये राज्य सरकार को ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा’ की लखनऊ कांग्रेस में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गयी सिंह गर्जना को आयोजन कर एक नया आयाम दिया।
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन की प्रेरणा सरकार को दी और गत 24 से 26 जनवरी तक उसका भव्य आयोजन हुआ। जनता से संवाद लोकतंत्र की मौलिक आवश्यकता है जिसे राज्यपाल ने निरन्तर बनाये रखा है। राज्यपाल ने जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से विशाल उत्तर प्रदेश में सैकड़ों सार्वजनिक कार्यक्रमों में अब तक प्रतिभाग किया है। अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में राज्यपाल ने राजभवन में 21,581 लोगों से मुलाकात की और इसमें पिछले छः माह की 3,337 मुलाकातें शामिल हैं जो कि चौथे वर्ष की 50 प्रतिशत अवधि समाप्त होने पर प्रथम वर्ष की कुल मुलाकातों का 57.43 प्रतिशत है। राज्यपाल से मुलाकात करने वालों का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है। इससे पूर्व शायद ही किसी राज्यपाल ने आमजन से व्यक्तिगत रूप से इतनी मुलाकातें की हांगी।
राज्यपाल अपने अब तक के कार्यकाल में राजभवन और लखनऊ में आयोजित 766 कार्यक्रमों में शामिल हुए, जिसमें 113 कार्यक्रम पिछले 06 माह की अवधि में आयोजित हुए है जो प्रथम वर्ष की कार्यक्रमों का 56.78 प्रतिशत है। राज्यपाल राम नाईक ने लखनऊ के बाहर 480 कार्यक्रमों में शिरकत की, जिसमें 87 कार्यक्रम पिछले 06 माह की अवधि के हैं जो प्रथम वर्ष के कुल कार्यक्रमों के सापेक्ष 60.83 प्रतिशत है।