वाराणसी, (हि.स.)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित ‘मीडिया की भाषा’ विषयक कार्यशाला के पांचवे दिन शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने पत्रकारिता में प्रयोग होने वाले खास शब्दों की चर्चा की। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि विवि के कुलपति डाॅ. पृथ्वीश नाग उपस्थि रहे।
विजय विनीत ने कहा कि उचित शब्दों के प्रयोग से ही सटीक संचार किया जा सकता है। भाषा पर पकड़ न होने से खबरों की प्रतिष्ठा में गिरावट आ रही है। उन्होंने प्रशिक्षु विद्यार्थियों को पत्रकारिता की भाषा में प्रयोग होने वाले कुछ विशेष अर्थों वाले जैसे - कार्रवाई, कार्यवाही, तफ्तीश, खुलासा, मुखबिर जैसे तमाम शब्दों की जानकारी दी व उनके भावों को समझाया।
पत्रकार आनन्द पाण्डेय ने अपने पत्रकारीय कैरियर के शुरुआती दिनों में आई चुनौतियों को साझा किया। कहा कि खबर का शीर्षक ऐसा होना चाहिये कि पाठक शीर्षक पढ़कर पूरी सामग्री पढ़ने को मजबूर हो जाए। विभाग के जय प्रकाश श्रीवास्तव ने मीडिया की भाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया की भाषा व्यापारिक भाषा हो गई है, जिसका समाज से सरोकार कम हो गया है। मीडिया की भाषा को समय के साथ सरल, सहज व आमजन की भाषा बनानी होगी।
उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के धीरज शुक्ला ने कहा कि पत्रकार को बहुमुखी प्रतिभाशाली बनना होगा। प्रेस विज्ञप्ति लिखने के गुर सीखाते हुए कहा कि प्रेस विज्ञप्ति सारगर्भित होनी चाहिए और खबरों का शीर्षक पाठक के मनोदशा के अनुसार होना चाहिये। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के डॉ संदीप वर्मा ने कहा कि खबरों में प्रयोग किये गये भाषा में सूचनात्मक प्रवाह होनी चाहिए, जिससे पाठक को समाचार का सार आसानी से समझ में आ जाये।