लखनऊ (हि.स.)। लखनऊ में पालिटेक्नीक ओवरब्रिज के नीचे और विवेकानन्द अस्पताल के सामने अवैध ढ़ंग से एक और पार्किंग खड़ी हो गयी है। यहां स्थानीय दबंगों द्वारा बाहर से आने वाले मरीजों के परिजन से पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा हैं।
विवेकानन्द अस्पताल वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहा हैं। अस्पताल के बाहर दो पहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। चार पहिया वाहनों को खड़ा करने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने के कारण बाहर से आने वाले मरीजों के परिजन अपने वाहन आईटी और निरालानगर से पालिटेक्नीक की ओर आने वाले ओवरब्रिज के नीचे खड़ा कर देते हैं। जहां पर स्थानीय दबंगों द्वारा उनसे पार्किंग शुल्क की वसूली की जाती है, जबकि मौके पर कोई भी पार्किंग निर्धारित नहीं है।
ओवरब्रिज के नीचे पार्किंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली में स्थानीय लोगों की संलिप्तता है तो उनके द्वारा तय शुल्क वसूलने के लिए दो चार लोगों को लगा दिया गया हैं। विरोध करने पर चालकों और मालिकों को वाहनों को आगे बढ़ाकर लगाने के लिए कह दिया जाता है। पहले कुछ मीटर तक सीमित पार्किंग अब बढ़ते-बढ़ते 200 मीटर के दायरे में फैल गयी हैं।
विवेकानन्द अस्पताल में बहराइच से मरीज लेकर आये विपुल कान्त शर्मा और उनके परिजन ने बताया कि अस्पताल के सामने मरीज के साथ आयी कार को खड़ा नही करने दिया गया। इसके बाद जब वे अपने वाहन को ओवरब्रिज के नीचे खड़ा करने लगे तो वहां पर उनसे पार्किंग शुल्क मांगा गया। पिछली बार ऐसा नहीं हुआ था, कहने पर पार्किंग शुल्क ना देने पर खड़ा नहीं करने दिया गया।
इसी प्रकार सीतापुर से आये अतुल सिंह ने बताया कि मरीज के साथ आये वाहन अस्पताल के सामने सड़क पर खड़ा किया तो वहां पार्किंग शुल्क वसूलने की कोशिश की गयी। जब वह आगे बढ़ाकर वाहन खड़ाकर आयें तो उनसे शुल्क वसूलने के लिए दबाव बनाया गया।
वहीं इस बाबत विवेकानन्द अस्पताल के प्रबन्धन समिति ने किसी बात की जानकारी होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि अस्पताल के बाहर मरीजों के परिजन के वाहनों की सुरक्षा के लिए एक पार्किंग उपलब्ध है और किसी अन्य पार्किंग की उन्हें जानकारी नहीं हैं।