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बेटियां पढ़ेंगी, बचेंगी तो भारत श्रेष्ठ व समृद्ध होगा : मुख्यमंत्री योगी
By Deshwani | Publish Date: 28/1/2018 2:00:58 PM
बेटियां पढ़ेंगी, बचेंगी तो भारत श्रेष्ठ व समृद्ध होगा : मुख्यमंत्री योगी

इलाहाबाद (हि.स.)। भारतीय संस्कृति और भवि​ष्य के सपने को साकार करने में तत्पर कक्षा पांच से 12 तक की छात्राओं की तीन ​दिवसीय 'समुत्कर्षा' शिविर रविवार को माघ मेल क्षेत्र स्थित परेड मैदान में शुरु हुआ। इस शिविर का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्त'नन्दी', महापौर अभिलाषा गुप्ता, विद्याभारतीय के राष्ट्रीय मंत्री यतीन्द्र नाथ, क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति मातृ प्रधान संस्कृति रही है। यह शिविर बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के साथ भारतीय संस्कृति का संदेश दे रही है। इस देश की आजादी में मातृ शक्तियों का बड़ा योगदान रहा है। वे रानी लक्ष्मी बाई की वीरांगना का जिक्र करते हुए कहा कि स्वाधीनता आन्दोलन में महिलाओं को बड़ा योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि इस देश की सत्ता समेत सम्पूर्ण व्यवस्था का संचालन कैसे होना चाहिए, हमारे वांग्ड्यय, धर्मग्रन्थों में ​वर्णित है। आज देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर महिला शक्ति विराजमान है। वे विदेश मंंत्री सुषमा स्वराज्य, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन का उदाहरण देते हुए छात्राओं को नई ऊंचाईयों पर छूने का आह्वान किया। कहा कि अगर बेटियां पढ़ेंगी, बचेंगी तो भारत श्रेष्ठ और समृद्ध होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयाग तीर्थराज है, तीर्थराज है। यह संगम भी मातृशक्ति की संस्कृति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उसी दिशा में देश को आगे बढ़ा रहे हैं। उज्जवला योजना, मुद्रा ऋण योजना समेत केन्द्र की कई योजनाएं मातृशक्ति् के सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि बहन बेटियां सुरक्षित रहेंगी, तो पूरा समाज सुरक्षित रहेगा। बेटियों की सुरक्षा व स्वालम्बन का दायित्व समाज को लेना होगा। प्रदेश सरकार ने इस सोच के साथ 1090 हेल्प लाईन, एंटी रोमियो के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए उस दिशा में अग्रसर है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वालम्बन के लिए 60 हजार ग्राम पंचायतों में महिलाओं की एक सशक्त टीम का गठन हो चुका है।
इस शिविर में विभिन्न प्रकार के कौशल की कुशलता बहनें सिखेंगी और अपनी कुशलता दिखायेंगी। परिवार में भेदभाव की शिकार अगर बेटियां होंगी तो भारत का नुकसान होगा। उन्होंने विद्याभारती के इस शिविर को अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय बताया और कहाकि यह शिविर एक अद्भुत और एक नया संदेश देने वाला है।

कहा कि दुनिया में भारत की छवि में एक बड़ा बदलाव आया है। दुनिया में भारतीय संस्कृति के प्रतीक 'कुम्भ' को यूनस्कों ने मान्यता दी है। यह भारत के अभ्युदय का प्रतीक है। हमारे योग को दुनिया ने भी मान्यता दी है। 2019 को कुम्भ देश का ही नहीं, दुनिया का पर्व बनेगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े विद्या भारती के विद्यालयों की छात्राओं के लिए चार दिनी 'समुत्कर्षा' शिविर का आयोजन उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। छात्राओं में आत्मविश्वास एवं जीवन में आगे बढ़ने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक एवं ज्ञान वर्धक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक एवं ज्ञान वर्धक कार्यक्रम होंगे। विद्याभारतीय के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इलाहाबाद, वाराणसी, सोनभद्र, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, बुंदेलखंड, बहराईच, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, फैजाबाद सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के 49 जिलों की लगभग 15 हजार छात्राएं इसी आयोजन में शामिल हैं।
पूर्व छात्राओं ने संभाला मोर्चा
प्रत्येक नगर की संचालन टोली का पूर्ण जिम्मा पूर्व छात्राओं को सौंपा गया। व्यवस्था में लगी पूर्व छात्राओं की अलग पहचान के लिए अलग रंग की ड्रेस का वितरण किया गया। सभी को 'समुत्कर्षा' का विशेष ट्रैक सूट दिया गया।
27 जनवरी से शुरु चार दिवसीय समुत्कर्षा शिविर की थीम राष्ट्रवाद,भारतीय संस्कृति,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण सुरक्षा पर आधारित है। यहां बसने वाले 15 नगरों का नामकरण वीरांगनाओ और नारी शक्ति का सशक्त उदाहरण सहेजे महिलाओं पर किया गया है।
केद्रीय नगर का नामकरण 'भगनी निवेदिता' के नाम पर किया गया है। यहां पर संपूर्ण शिविर की रीति-नीति निर्धारित होगी। इस शिविर में विद्या भारती के शीर्ष पदाधिकारियो का जमावड़ा है। इसमें सभाएं और कालखंड से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई जाएगी। इसके अतिरिक्त मातृभारती से जुड़ी माताओं के लिए बनाएं गए नगर का नाम जीजाबाई होगा। इसमें पूर्व उत्तर प्रदेश में स्थापित विद्यालयों मेंं पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की माताओें का जमावड़ा है।
शिविर के स्थापित अन्य नगरों मे जानकी नगर, वीरांगना ऊदादेवी नगर, महामाया नगर, कल्पना चावला नगर, कौशल्या नगर, मां पार्वती नगर, रानी दुर्गावती नगर, रानी लक्ष्मीबाई नगर, वीरांगना झलकारी बाई नगर, महादेवी वर्मा नगर, सती अनुसुइया नगर और यशोधरा नगर रखा गया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार प्रांत काशी प्रात, गोरक्षा प्रात, अवध प्रात और कानपुर प्रांत में संचालित स्कूलों की कुल 15 हजार छात्राएं शामिल हैं।

 

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