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एनआईए की जानकारी पर चकेरी पुलिस ने एक संदिग्ध को उठाया
By Deshwani | Publish Date: 17/1/2018 4:01:29 PMकानपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश का कानपुर जनपद आतंकी ठिकानों के लिए मुफीद व गढ़ बन चुका है। बीते साल खुरासान माड्यूल के आतंकियों के चकेरी इलाके से पकड़े गये थे। बुधवार को भी एनआईए की सूचना पर चकेरी पुलिस ने दो युवकों को संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी पर पकड़ने पहुंची। पुलिस के पहुंचने से पहले एक युवक भाग निकला। पुलिस ने एक को हिरासत में ले लिया। पकड़े गये युवकों से लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह का एंकाउंटर करने वाली टीम पूछताछ करने जनपद आ रही है।
एनआईए ने बुधवार को जनपद पुलिस को चकेरी में संदिग्धों की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई। एनआईए से मिली जानकारी के आधार पर चकेरी इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार शुक्ला फोर्स के साथ अचानक जाजमऊ के शीतलाबाजार निवासी नईमु्ददीन और अंसार नगर के परवेज को पकड़ने पहुंची। पुलिस की भनक लगते ही एक संदिग्ध फरार हो गया। जबकि दूसरे को पुलिस ने पकड़ लिया। प्रारम्भिक पड़ताल के लिए पुलिस उसे थाने ले आई और लखनऊ से आ रही एनआईए की टीम का इतंजार करने लगी। पुलिस का कहना है कि एनआईए की टीम को युवक से किसी साजिश से जुड़े होने की आशंका है। उससे पूछताछ के लिए टीम आ रही है। उसके बाद ही आगे कुछ बताया जा सकेगा।
प्रिंसिपल हत्याकांड खुलासा की ओर टीम
जानकारी के मुताबिक, बीते साल आतंकी साजिश को अंजाम देने के ठीक पहले नई पिस्टल की टेस्टिंग करने को नवाबगंज निवासी प्रिंसिपल रमेश चंद्र की महाराजपुर के प्योंदी गांव के निजी विद्यालय से पढ़ाकर साइकिल से लौटते समय गोली मारकर हत्या कर की गई थी। इसका खुलासा लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किए हुए आतंकी आतिफ और दानिश ने किया था।
पुलिस की लम्बी जांच के बाद प्रिंसिपल हत्याकांड की जांच को सैफुल्लाह एनकाउंटर में शामिल कर एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली। घटना की तफ्तीश के लिए एनआईए की टीम ने कई बार शहर में छापेमारी की। यही नहीं चकेरी के जाजमऊ क्षेत्र के 50 से अधिक लोगों के मोबाइल नम्बरों को सर्विलांस पर लगाया जा चुका है। संदिग्ध को हिरासत में लेने को इसी घटना से जोड़कर देखते हुए खुलासा करने की उम्मीद जताई जा रही है।
सजा सुनाने के बाद से थे सक्रिय
बताते चलें कि, सात मार्च 2017 को भोपाल के शाजापुर के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम विस्फोट हुआ था। विस्फोट में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 4 जनवरी 2018 को इस मामले में एनआईए के विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित की कोर्ट ने चार लोगों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप तय किए। आरोपियों में कानपुर के गौस मोहम्मद खान (56), मोहम्मद दानिश (27), आतिफ मुजफ्फर (22) एवं कन्नौज निवासी सैयद मीर हुसैन (18) शामिल हैं, जबकि इस मामले में कानपुर निवासी खुरासान माड्यूल के आतंकी सैफुल्लाह की लखनऊ एनकाउंटर किया जा चुका है। पूरे ऑपरेशन में गौस खान मास्टर माइंड की भूमिका में रहा है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद से जाजमऊ निवासी नईमु्ददीन और परवेज संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त चल रहे थे।