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निजी अस्पतालों में अब महंगा नहीं होगा ईलाज, हरियाणा सरकार का फैसला
By Deshwani | Publish Date: 17/1/2018 1:57:38 PM
निजी अस्पतालों में अब महंगा नहीं होगा ईलाज, हरियाणा सरकार का फैसला

फरीदाबाद (हि. स.)। हरियाणा सरकार के अहम फैसले का फरीदाबाद जिले के निजी अस्पताल के संचालकों ने स्वागत किया है । पचास बैड से कम वाले अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू ना होने से अब इलाज महंगा नहीं होगा। सरकार के फैसले की आइएमए की फरीदाबाद शाखा ने सराहना की है। फैसले के अनुसार अब प्रदेश के उन्हीं निजी अस्पतालों पर यह एक्ट लागू होगा। जहां 50 बैड से ज्यादा हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार के इस कदम से जिला के 400 से ज्यादा क्लीनिक नर्सिंग होम और अस्पतालों के संचालकों को राहत मिली है।
गौरतलब यह है कि केंद्र सरकार के क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हरियाणा ने 15 दिसंबर-2017 को प्रदेश में हड़ताल की थी। बाद में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चंडीगढ़ जाकर इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर अपनी आपत्ति जताई थी और संशोधन की मांग की थी।
बातचीत के बाद यह तय किया गया था कि हरियाणा में 50 से कम बैड वाले अस्पतालों पर यह एक्ट लागू नहीं किया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई इससे फरीदाबाद के छोटे क्लीनिक संचालकों और अस्पतालों को तो राहत मिल गई है, लेकिन शहर के 15 से ज्यादा बड़े अस्पतालों में इलाज महंगा हो सकता है। जानकारों का कहना है कि इस एक्ट के लागू होने से अस्पतालों को अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करना पड़ेगा। अब तक भले ही किसी छोटे बड़े चिकित्सीय संस्थान में पैरामेडिकल स्टाफ का कोई कर्मचारी बिना डिग्री के सिर्फ लंबे अनुभव के आधार पर सेवाएं दे रहा है। मगर इस एक्ट के लागू होने के बाद ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। एक्ट के चलते अस्पतालों की निगरानी भी बढ़ेगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
हरियाणा के संरक्षक डॉ.अनिल गोयल ने बताया की शहर की 70 फीसदी आबादी ईलाज के मामले में छोटे क्लीनिकों और अस्पतालों पर निर्भर है। दस फीसदी निजी बड़े अस्पतालों और 20 फीसदी आबादी सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं। सरकार के फैसले से जहां छोटे क्लीनिक संचालकों को राहत मिली है तो आम आदमी भी इससे लाभान्वित होगा। अगर छोटे अस्पतालों पर एक्ट लागू होता तो ईलाज महंगा हो जाता। हमने संघर्ष किया और सरकार से भी मांग की कि यह एक्ट लागू ना किया जाए। अब यह एक्ट 50 बेड से ज्यादा वाले अस्पतालों पर ही लागू किया जाएगा।
आइएमए पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ.सुरेश अरोड़ा ने बताया की एक्ट के चलते बड़े अस्पतालों में ईलाज का शुल्क बढ़ेगा। ऐसा लगता है इस एक्ट में संशोधन करके आगे कानून सख्त किए जा सकते हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि पीएनडीटी एक्ट में जिस तरह छोटी-मोटी लिपिकीय गलतियों को लेकर डॉक्टरों को परेशान किए जाने के मामले आते रहे हैं, ऐसा ना हो इसके लिए आइएमए आगे भी सरकार से मांग करेगी कि एक्ट के नाम पर किसी भी अस्पताल के पंजीकरण के मुद्दे पर परेशान ना किया जाए। वैसे छोटे अस्पतालों को एक्ट से बाहर रखने से राहत तो मिली है।

 

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