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दूषित पानी पर एनजीटी सख्त, सरकार से मांगा जवाब
By Deshwani | Publish Date: 17/1/2018 11:45:51 AM
दूषित पानी पर एनजीटी सख्त, सरकार से मांगा जवाब

बागपत, (हि.स.)। बागपत सहित छह जिलों में दूषित पानी को लेकर एक बार फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्ती दिखाई है। एनजीटी ने तीन नदीयों हिंडन, कृष्णा और काली नदी के किनारे स्थित 316 फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी की जांच के आदेश दिये हैं। जांच के लिए एक स्पेशल टीम भी गठित की गयी है। यह फैसला दोआबा पर्यावरण समिति की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लिया है। एनजीटी ने पानी को दूषित होने से रोकने के लिए अब तक किये उपायों के बारे में भी सरकार से जवाब मांगा है। 
बागपत में दोआबा पर्यावरण समिति के चेयरमैन डॉ चंद्रवीर सिंह काफी लंबे समय से पर्यावरण को लेकर चिन्तित है लेकिन अधिकारियों के रवैये के चलते उनको हमेशा निराशा ही झेलनी पड़ती है। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है और एक बार फिर अपनी इस चिंता से एनजीटी को अवगत कराते हुए एक जनहित याचिका भेजी थी, जिसकी सुनवाई मंगलवार को हुई। 
चंद्रवीर सिंह ने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शामली, मुजफरनगर, मेरठ, बागपत और गाजियाबाद में भूजल और पेयजल के बारे में कोर्ट ने सरकार से अब तक के कार्यो का लेखा-जोखा मांगा है। सरकार के अधिवक्ता कोई जवाब नहीं दे पाए तो जस्टिस साल्वी की कोर्ट ने इसको गंभीरता से लेते हुए सरकार को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन करने के आदेश दिए। कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण विभाग राज्य के प्रदूषण नियंत्रण विभाग एवं जल निगम की टीम एक साथ सर्वे करेगी। इस तीनों नदियों में अब तक प्रदूषण घटा है या नहीं, इन सभी छह जिलों में हिंडन, कृष्णा और काली नदी के किनारे लगी हुई 316 फैक्ट्रियों की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है, जो अपनी रिपोट कोर्ट को सौंपेगी। बतादें कि हैंडपम्प से दूषित पानी निकलने और नदियों के प्रदूषण से फैल रही बीमारियों से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जनपद के लोग जिलाधिकारी के पास जाकर कई बार हंगामा कर चुके हैं लेकिन न तो पानी को दूषित होने से बचाया जा रहा है और न ही स्वच्छ पानी की उपलब्धा करायी जा रही है। 
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