राज्य
यूूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले आवास खाली कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
By Deshwani | Publish Date: 16/1/2018 12:24:02 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास के आवंटन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कल यानि 17 जनवरी तक के लिए टाल दी है। मंगलवार को इस मामले के एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रह्मण्यम के कोर्ट न आने की वजह से मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई है। गोपाल सुब्रमण्यम के हलफनामे पर आज यूपी सरकार ने अपनी लिखित दलीलें कोर्ट के समक्ष दायर की।
पिछले चार जनवरी को गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के इस कानून को निरस्त किया जाना चाहिए। ये कानून संविधान की धारा-14 का उल्लंघन करता है और ये मनमाना है। उसके पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ये लोक महत्व का मामला है। पिछले साल दो मई को एक पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बाद उसके कानूनी वारिस को पक्षकार बनाने की मांग की गई थी। जिस पर याचिकाकर्ता लोकप्रहरी ने कहा कि ये सुनवाई में देर करने के लिए किया जा रहा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री के वारिस को पक्षकार बनाने का आदेश दिया था।
लोकप्रहरी नामक एनजीओ ने याचिका दायर कर मांग की थी कि कानून के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ही आवास मिलना चाहिए। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि उक्त कानून में संशोधन करते हुए यह आवंटन इसलिए भी किया गया है ताकि मुख्यमंत्री के कार्यमुक्त होने के बाद भी बंगला उनके पास बना रहे। वहीं यूपी सरकार का तर्क था कि 1985 से ही प्रदेश में मुख्यमंत्री को दो बंगले आवंटित किए जाने की प्रथा चली आ रही है।