ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
राज्य
आजीविका मिशन ने गरीब परिवार में भर दी खुशियां
By Deshwani | Publish Date: 14/1/2018 12:50:10 PM
आजीविका मिशन ने गरीब परिवार में भर दी खुशियां

अनूपपुर (हि.स.)। संकुल राजेन्द्रग्राम अन्तर्गत ग्राम बसनिहा में बब्बू सिंह और विमला बाई सैयाम का परिवार बदहाली में जीवन यापन कर रहा था, जिसका मुख्य कारण परिवार का बड़ा होना था। परिवार में चार लड़कियां एवं दो लडक़े थे, कृषि योग्य भूमि भी नहीं थी, परिवार पूर्ण रूप से मजदूरी पर निर्भर था। परिवार की बिगड़ती स्थिति देख सुशीला और उसकी बहनें भी पढ़ाई छोड़ मजदूरी करने लगी। निरंतर मजदूरी न मिलने से वे और भी निराश हो गई थीं, लेकिन आजीविका मिशन ने इस परिवार में खुशियां भर दीं। 

दरअसल, वर्ष 2013-14 में राजेन्द्रग्राम में आजीविका मिशन के माध्यम से आयोजित रोजगार मेले में तीनों बहनों का चयन सलूजा स्पिनिंग इंडस्ट्रीज भोपाल में हुआ, तीनों बहनों ने कंपनी में प्रशिक्षु मशीन आपरेटर के पद पर ज्वाइन किया, तब सैलरी साढ़े सात हजार रुपए थी। चार माह बाद उन्होंने जयदीप स्पिनिंग कंपनी इंदौर में ज्वाइन किया, जहां उनके कार्य को देखते हुए सैलरी बढ़ा कर दी जाने लगी, निरन्तर कार्य एवं आगे बढऩे की ललक एवं खुशहाल जिन्दगी जीने की चाह ने उन्हें एक बार फिर एक अवसर दिया। अब चारों बहनें-सपना, पार्वती, सुशीला और महेश्वरी अब सिन्टेक्स इंडस्टी अमरेली गुजरात में 12,750 रूपये मासिक वेतन पर कार्य कर रही हैं।
चारों बहनों ने पूरी मेहनत एवं लगन के साथ काम किया और आज उन्होंने कल को बहुत पीछे छोड़ दिया है। पुराना कच्चा घर अब पक्का हो गया है, पिता और भाई के लिए बहनों ने मिलकर अपनी कमाई से आठ लाख की टैक्सी ‘‘बोलेरो‘‘ बैंक से ऋण लेकर खरीद दी है, जो कि गांव में चलती है और अब बैंक का ऋण भी एक लाख पचास हजार ही शेष बचा है। चार माह पहले बड़ी बहन सपना की शादी हो जाने के कारण अभी वह काम पर नहीं जा रही है, बाकी तीनों बहनें अभी भी काम कर रही हैं। बड़े भाई की भी शादी हो गई है, छोटे भाई को प्राईवेट स्कूल में अच्छी शिक्षा मिल रही है। छोटे भाई को पढ़ा लिखा कर डाक्टर बनाना अब बहनों का सपना है। जो भी बब्बू सिंह के घर के रास्ते गुजरता है, बस यही कहता है चारों बहनों ने लडक़ों को मात दे दी और घर में चार चांद लगा दिया।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS