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राजनीति में धर्म के घालमेल पर ममता सरकार को शंकरचार्य ने किया सावधान
By Deshwani | Publish Date: 13/1/2018 5:09:01 PMकोलकाता, (हि.स.)। गंगासागर मेले में पधारे पूरी के शंकरचार्य ने राजनीति में धर्म के घालमेल को लेकर पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस को सजग रहने का आह्वान किया। सागरद्वीप में शनिवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए शंकरचार्य ने कहा कि धार्मिक मामलों में स्वतंत्रता बहाल रखना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा केंद्र सरकार से गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेले के रूप में घोषित करने की मांग किये जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रया में शंकरचार्य ने कहा कि धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि नोट एवं वोट के साथ धर्म एवं धर्मस्थल का घालमेल उचित नहीं है। राजनीतिक दलों के नेता हिन्दू होते हुए भी मुसलमानों की टोपी पहनने से परहेज नहीं करते हैं। कुरान पढ़ते हैं। उन सब लोगों को वे सावधान करना चाहते हैं।
साथ ही शंकराचार्य ने नेपाल व भूटान जैसे पड़ोसी देशों के राजाओं को गंगासागर मेले में आमंत्रित कर सनातन धर्म के सौहार्द का वार्ता दिए जाने का प्रस्ताव दिया। शंकरचार्य ने कोलकाता में ममता बनर्जी गंगासागर द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए कर में छूट दिए जाने की घोषण की सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि संगम में लोग पुण्य स्नान करने आते हैं। विकास के नाम पर किसी धार्मिक स्थल पर राजनीतिक वर्चस्व कायम करने की उनकी मंशा पर उन्होंने सवाल उठाया।
शंकराचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक भी धार्मिक स्थल नहीं है, जहां राजनीतिक दल के नेताओं ने हाथ नहीं आजमाया है। उन्होंने कहा कि वेदहीन वैज्ञानिक युग में इस तरह विकास संभव नहीं है। देश को सतर्क करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी षड्यंत्र चल रहा है। धर्म के नाम पर नेता राजनीति कर रहे हैं। सनातन धर्म उत्पीड़ित न हो इस ओर ध्यान रखा जाना चाहिए। दिल्ली को वर्तमान युग में कोई धार्मिक स्थल के रूप नहीं पहचानता। उन्होंने कहा कि यह क्रमश: राजनीतिक व प्रशासनिक कर्मकांड का गढ़ बन गया है।