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आईजीएनसीए में अजंता की गुफाओं की चित्र प्रदर्शनी
By Deshwani | Publish Date: 13/1/2018 4:28:02 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। अजंता की गुफाओं के बारे में अपने शोध और शैक्षिक गतिविधियों की कड़ी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ने ‘ग्लोरियस अजंता – रिसर्च एंड रेस्टोरेशन एग्जीविशन’ का आयोजन किया है जिसमें आई.जी.एन.सी.ए ने प्रसाद पंवार फाउंडेशन के सहयोग से ट्विन आर्ट गैलरी में प्रसाद पंवार द्वारा खिंची गयी अद्भुत तस्वीरों, पेंटिंग और कुछ मॉडल के द्वारा अजंता को दर्शकों के लिये प्रस्तुत किया है। यह प्रदर्शनी दर्शकों के लिए 22 जनवरी तक खुली रहेगी।
जिन लोगों ने पहले कभी अजंता की गुफा नहीं देखी है उनके लिए इस प्रदर्शनी में अजंता का स्केल मॉडल तैयार किया गया है| प्रदर्शनी में अजंता की एक 72 फीट लंबी तस्वीर इसको आकर्षक बनाती है ।
फ़ोटोग्राफर प्रसाद पंवार ने प्रदर्शनी के बारे में बात करते हुए कहा, '2000 वर्ष पहले अजंता की दीवारों पर जातक कथाओं के माध्यम से भगवान बुद्ध के पुनर्जन्म की कहानियों का चित्रण किया गया था जो आज भी भगवान बुद्ध के शांति संदेश के साथ विश्व को प्रबुद्ध कर रहे हैं, लेकिन समय के साथ-साथ अजंता की चित्रकला शैली लुप्त होती जा रही है| प्रसाद पंवार फाउंडेशन का एक मात्र लक्ष्य अजंता की भव्यता को पुनः स्थापित करके लोगों के सामने प्रस्तुत करना है।
आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने प्रदर्शनी के बारे जानकारी देते हुए कहा, 'जब हम अजंता की पेंटिंग्स को देखते हैं तो हम उन महान चित्रकारों के आगे नतमस्तक हो जाते हैं जिन्होंने ये चित्र बनाये हैं, ये दुर्भाग्य की बात है कि हम उन महान चित्रकारों का नाम नहीं जानते| इन महान चित्रकारों ने कभी अपने नाम की चिंता नहीं की। वे केवल रचनात्मकता और दृष्टि के लिए चिंतित रहे| वो जानते थे कि ये चित्र युगों तक संरक्षित रहेंगे| फिर भी उन्होंने कभी अपना नाम चित्रों के साथ अंकित नहीं किया। आज जब हम अजंता के चित्रों के बारे में सोचते हैं तो हमें आश्चर्य होता है कि वो महान चित्रकार कौन रहे होंगे जिन्होंने इन चित्रों को बनाया होगा| इसलिए हमे हमेशा उन अज्ञात मगर महान कलाकारों का व उनकी उच्च स्तरीय रचनात्मकता का सम्मान करते रहना चाहिए।'