लखनऊ,(हि.स.)। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने शुक्रवार को स्वामी विवेकानन्द की 153वीं जयंती के अवसर पर कहा कि वे सच्चे अर्थो में राष्ट्र के निर्माता थे। उन्होंने हमेशा सर्वधर्म समभाव में विश्वास किया।
रालोद के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे व पार्टी के अन्य नेताओं ने स्वामी विवेकानन्द की 153वीं जयंती पर उनके चित्र पर माल्र्यापण कर उन्हें याद किया। इसके बाद प्रदेश मुख्यालय में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया।
श्री दुबे ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द सच्चे अर्थो में राष्ट्र निर्माता थे। उन्होंने हमेशा सर्वधर्म समभाव में विश्वास किया। इसके साथ ही वे जाति और धर्म से ऊपर उठकर मानवता के उत्थान में विश्वास रखते थे। वे चाहते थे कि शिक्षा का उद्देश्य जीवन, व्यक्ति और चरित्र निर्माण के लिए हो।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने देश और दुनिया को यह बताया कि सभी धर्मो का मूल एक ही है, कोई धर्म किसी से छोटा या बड़ा नहीं है। इसलिए नौजवानों को आज स्वामी विवेकानन्द के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए।
युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल ने स्वामी विवेकानन्द को युवाओं का प्रेरणा श्रोत बताते हुये कहा कि आज युवाओं के पास ऊर्जा है, सकारात्मक सोच है और इतनी इच्छाशक्ति है कि वे देश को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकते हैं।
इस गोष्ठी में रालोद के वरिष्ठ नेता बीएल प्रेमी, रमावती तिवारी, मनोज सिंह चौहान, प्रीति श्रीवास्तव, सूरज सिंह, सुमित सिंह, सहित कई अन्य नेता मौजूद थे।