भोपाल, (हि.स.)। राजधानी भोपाल वन विहार नेशनल पार्क पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। पिछले 10 दिन में यहां हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। इसमें 31 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा दर्ज की गई।
वन विहार की डायरेक्टर समिता राजौरा ने हिस को बताया कि आम दिनों में भी यहां प्रतिदिन 1 से डेढ़ हजार पर्यटक आते हैं। बीते कई सालों में इतनी बड़ी संख्या में पर्यटक पहली बार आए हैं।
नए साल में बढ़ी संख्या
डायरेक्टर का कहना है कि नए साल में पर्यटकों की संख्या में दो गुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इस वर्ष 2018 शुरू होते ही उन्हें एक टिकट काउंटर खोलना पड़ा।
अलग से स्टाफ की व्यवस्था
उनका कहना था कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए अलग से स्टाफ की नियुक्ति की गई। वन विहार प्रबंधन के मुताबिक यहां आने वाले पर्यटक टाइगर और भालू देखना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अलावा तीन पैंथर भी डिस्प्ले में रखे गए हैं, ताकि पर्यटकों को यह आसानी से दिख सके। सांप के लिए भी नया डिस्प्ले बनाया गया है। इन्हें देखने का क्रेज भी लोगों में देखा गया है।
जानें वन विहार की खासियत
1. वन विहार राजधानी भोपाल का ऐसा नेशनल पार्क है, जहां घने जंगलों में विचरण करते वन्य जीवों को देखने का रोमांच अनूठा होता है।
2. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये नेशनल पार्क केवल एक पार्क नहीं बल्कि एक जू और वन्य जीवों का रेस्क्यू सेंटर भी है। यानी ये है थ्री इन वन नेशनल पार्क।
3. 445 हेक्टेयर में फैला ये नेशनल पार्क ऐसा पार्क है जहां वन्य जीवों को कहीं से पकड़कर नहीं लाया गया। ये वे जीव हैं जो लावारिस मिले। कमजोर हो चुके ये वन्य जीव भटकते हुए गांवों या शहरों की सरहदों में आ गए, तब इन्हें पकड़ा गया और यहां इन्हें संपूर्ण सुविधाओं के बीच इनकी देखरेख की गई। तब जाकर ये लोगों के आकर्षण का केंद्र बने।
4. पांच किलोमीटर के दायरे में हर तरफ ऊंचे पहाड़ हरियाली इसे प्राकृतिक सौंदर्य देते हैं। तो एक ओर राजधानी का बड़ा तालाब इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है।
5. यह प्रदेश का सबसे बड़ा चिडिय़ा घर है। वहीं यह इसलिए भी अनूठा है कि प्रदेश का यही पार्क ऐसा है जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग के हाथों में है।
6. वन विहार को 18 जनवरी 1983 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। जो इसके लिए बड़ी उपलब्धि है।
7. आपको अब तक पता नहीं होगा कि इसके मुख्य दरवाजे का नाम रामू गेट है। हम इसी गेट से प्रवेश कर खूबसूरत जंगल में प्रवेश करते हैं।
8. अगर आप जानवरों को करीब से देखना चाहते हैं, तो सुबह 12 बजे और शाम को 4 बजे का समय एक दम मुफीद है। इसके पहले वन्य जीव घने जंगलों में छिपे रहते हैं। ये इनके खाने का समय होता है।
9. पानी वाले क्षेत्र में आपको पहाड़ी कछुए, मगरमच्छ और घडिय़ाल दिखाई देंगे। पार्क के बीचोंबीच स्नेक पार्क भी मिलेगा, वहां विभिन्न प्रकार के सांप देखकर आप हैरान रह जाएंगे। हिरण के बाड़े बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं और वहां हिरण सड़क पर पर्यटकों के साथ-साथ चलते-घूमते दिखे। इतना ही नहीं वन विहार में बड़ी संख में सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, लाल मुंह वाले बंदर, जंगली सूअर, सेही और खरगोश आसानी से नजर आ जाते हैं।
10. शुक्रवार को यह बंद रहता है। इसके अलावा आप किसी भी दिन वन, वन्य जीवों का मजा ले सकते हैं। आपके मनोरंजन के लिए यहां ट्रेकिंग की भी व्यवस्था है। यहां एक कैफे है, जहां आप अपनी भूख शांत कर सकते हैं। विथि विहार यहां का म्यूजियम है, जहां आप वन्य जीवों के बारे में बारीकी से जानकारी मिल सकती है।