राज्य
गुलाबी गांव जहां बसता है स्मार्ट शहर
By Deshwani | Publish Date: 10/1/2018 12:45:06 PMसिद्धार्थनगर, (हि.स.)। सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय से 80 किलो मीटर दूर तराई का एक ऐसा गांव है जो लखनऊ के हजरतगंज की तरह गुलाबी गुलाबी है। शहर गांव को भी फेल किए हैं क्योंकि यहां गरीब हो या अमीर गांव के नियम कानून पर ही चलते हैं। घर हो या सार्वजनिक स्थल सबका रंग गुलाबी है। गांव का अनोखा कांसेप्ट भनवापुर ब्लाक के हसुड़ी औसनापुर को प्रदेश में ही देश में भी इकलौते गांव के दर्जे में ला दिया है। देश का पहला जिओग्राफिक गांव अब अन्य क्षेत्रों में मॉडल बन रहा है।
ग्राम प्रधान ने रचा इतिहास
ग्राम प्रधान दिलीप तिवारी ने जब से ग्राम पंचायत का जिम्मा संभाला है तस्वीर बदल रही है। गुजरात के एक गांव का मॉडल देखने के बाद उन्होंने भनवापुर ब्लाक के हसुड़ी औसानपुर गांव को देश का पहला जियोग्राफिक गांव बनाया और अब नया इतिहास रचने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि गांव को वह अलग पहचान दिलाने में लगे हैं। उनका कहना है कि गांव के लोगों के सहयोग से उन्होंने पूरे गांव की तस्वीर बदल दी है। गांव को हर संसाधन से युक्त किया जा रहा है। फ्री में वाईफाई लगाने के साथ वह गांव में हर आवश्यक सुविधा दे रहे हैं।
गांव का हर कोना गुलाबी
ग्राम प्रधान दिलीप तिवारी का कहना है कि गुलाबी रंग शांति और प्रेम का प्रतीक होता है। इसलिए गांव को गुलाबी करने का कांसेप्ट लाया गया है। गांव के हर घर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया गया है। गांव के साफ सफाई के ठेले से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थानों को गुलाबी रंग से रंगवा दिया गया है। कोशिश की जा रही है कि गांव का एक एक कोना गुलाबी हो जो लोगों को समरसता और एकजुटता का संदेश देने वाली हो। गांव के लोग भी खुद से अपने घरों को गुलाबी रंग से रंगवा लिए हैं। शायद ही ऐसा कोई घर गांव में हो जिसका रंग गुलाबी न हो। जाति धर्म से दूर हटकर लोग सिर्फ पिंक की बात करते हैं।
कोट
गांव को पूरी तरह से गुलाबी कर दिया गया है। यहां सार्वजनिक स्थान से लेकर लोगों के घर तक गुलाबी हैं। गांव के सफाई का ठेला हो या अन्य कोई समान सबका कलर पिंक ही मिलेगा। पिंक कलर प्रेम और शांति का प्रतीक है। इसलिए गांव को पूरी तरह से प्रेम के रंग में रंग दिया गया है। यहां जाति धर्म से दूर हटकर लोग प्रेम की डोर में बंध रहे है।