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यूपी-एमपी में बँटी राम की तपोभूमि चित्रकूट विकास को तरसती
By Deshwani | Publish Date: 10/1/2018 12:33:02 PM
यूपी-एमपी में बँटी राम की तपोभूमि चित्रकूट विकास को तरसती

चित्रकूट,  (हि.स.)। भगवान श्री राम के 14 वर्ष के बनवास काल का सर्वाधिक समय साढ़े 11 वर्ष धर्म नगरी चित्रकूट में व्यातीत करने के कारण यह पवित्र भूमि समूचे विश्व की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।
महान कवि रहे रहीम दास द्वारा कही गई इस पंक्ति 'चित्रकूट में रम रहे रहिमन अवध नरेश, जापर विपदा पड़त है सो आवत यहि देश' से इस धर्म नगरी के प्रताप को समझा जा सकता है। रहीम दास का यह दोहा बताता है कि विपत्तियों को हरने वाली प्रभु श्रीराम की तपोभूमि है। लेकिन यह तपोभूमि आज खुद संकट में घिरी है। दो प्रदेश सरकार के पाटों के बीच पिस रही है। इस धरा को ‘फ्री जोन’ बनाने की मांग काफी असरे से हो रही है। हाल ही में चित्रकूट के दौरे पर आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर दो प्रदेशो में बँटे चित्रकूट को फ्री जोन घोषित कराने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम नजर आने से धर्मनगरी के साधू संतो और जनमानस में निराशा छाने लगी है।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बँटी धर्म नगरी चित्रकूट के चहुंमुखी विकास के लिए काफी अरसे से फ्री जोन घोषित किये जाने की मांग उठती रही है। वर्ष 1993 में ही दोनों सूबे के राज्यपाल में आम सहमति बन गई थी और मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने ‘फ्री जोन’ की अधिसूचना भी जारी कर दी थी। आखिर फिर क्या वजह है की इतने साल बीत जाने के बाद भी उसको अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। आपको बता दे की चित्रकूट 84 कोस में बसा एक ऐसा परिक्षेत्र है जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरहद में विंध्य पर्वत श्रंखला से घिरा है। प्रभु श्रीराम ने यहां पर वनवास काल के साढ़े बारह साल काटे थे। उनके जीवन की यादों को सजोए दर्जनों स्थान इस परिक्षेत्र में है जो कुछ मध्य प्रदेश और कुछ उत्तर प्रदेश में है। आने वाले सैलानियों को इन धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए दोहरा टैक्स चुकाना पड़ता है। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और सतना सांसद रहे अर्जुन सिंह की पहल रंग लाई थी। वर्ष 1993 में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भगवान सिंह यादव की पहल पर धर्मनगरी को ‘फ्री जोन’ बनाने का बीड़ा उठाया था। 
एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यपाल कुंवर महमूद अली खान से धर्मनगरी को कर मुक्त घोषित करा भी लिया है। फिर उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा तो भी पत्र लिखा था लेकिन वह कुछ करते पहले उनको हटना पड़ा। उनकी जगह आए राज्यपाल बी सत्यनारायण रेड्डी को भी अर्जुन सिंह ने पत्र लिखा। इसी दौरान एमपी परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार को पारंपरिक परिवहन करार का पत्र लिखा था। उस समय चित्रकूट को ‘फ्री जोन’ घोषित किए जाने की खबरे दोनों प्रदेश के समाचार पत्रो में प्रमुखता के प्रकाशित हुई थी। इसके बाद 29 अप्रैल 93 को मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर चित्रकूट को ‘फ्री जोन’ की घोषणा करते हुए 30 अप्रैल की मध्य रात्रि से अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट खत्म कर दिया था। अधिसूचना में कहा गया था कि दोनों राज्यो के बीच यात्रियों और माल के लंबी दूरी के अंतर्राज्यीय परिवहन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें दोनो प्रदेश में पड़ने वाले गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम, स्फटिक शिला, जानकीकुंड, प्रमोदवन, कामतानाथ (कामदगिरि), सीताचरण, हनुमानधारा, सीतारसोई, कोटितीर्थ, देवांगना, रामघाट, बांके बिहारी, वाल्मिकी आश्रम, भरतकूप, राजापुरसमेत करीब डेढ़ दर्जन स्थान व मा लिया गया था। लेकिन कुछ ही वर्षो में सरकारों के बदलने से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। 
पिछले वर्ष फरवरी में प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक धर्मनगरी रामायण मेला के उद्घाटन में आए थे। तब उन्होंने कहा था कि यहां पर भारत पाकिस्तान की सीमा जैसा कोई विवाद तो है नहीं फिर ‘फ्री जोन’ बनने में क्या अड़चन है। वह इसके लिए प्रयास करेंगे। ऐसे में लोगों को आस जगी है कि जो काम कई सालों से नहीं हो पाया है अब हो जाएगा। क्योंकि उस समय उत्तर प्रदेश की सपा सरकार भी धर्मनगरी के विकास के प्रति चिंतित है। यह गौर करने वाली बात है जब वर्ष 1993 में दोनों प्रदेश के राज्यपालों को बीच समझौता हुआ था उस समय भी प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। लेकिन कुछ दिनों पूर्व धर्म चित्रकूट के दो दिवसीय दौरे पर रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर चित्रकूट को फ्री जोन घोषित कराने की घोषणा से चित्रकूट के साधू संतो और जनमानस में क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की उम्मीद जगी है। 
धर्म नगरी चित्रकूट के संत मदन गोपाल दास,महंत दिव्यानंद महराज,ओंकारदास, दिव्यजीवनदास, राजकुमार दास, रामहृदय दास का मानना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चित्रकूट को फ्री जोन घोषित करने की घोषणा को जल्द से जल्द अमली जामा पहनाना चाहिए। क्योंकि मध्यप्रदेश में जल्द विधानसभा के आम चुनाव होने वाले है। यदि सत्ता परिवर्तित हो गई तो चित्रकूट को फ्री जोन घोषित कराने की पहल एक बार फिर से ठंडे बस्ते में जा सकती है। 
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