लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक द्वारा लिखित पुस्तक चरैवेति के संस्कृत संस्करण का विमोचन राष्ट्रपति रामनाथ कोविद वाराणसी में करेंगे। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के संस्कृत संस्करण का प्रकाशन कर रहा है।
संस्मरण संग्रह ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का संस्कृत भाषा में अनुवाद प्रो. राजेन्द्र मिश्रा पूर्व कुलपति सम्पूर्णान्नद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी ने किया है तथा उसकी प्रस्तावना सुप्रसिद्ध विद्वान एवं राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य डॉ. कर्ण सिंह ने लिखी है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा आयोजित ‘विश्व पुस्तक मेला 2018’ का भ्रमण कर पुस्तकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल का स्वागत बलदेव भाई शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने किया। पुस्तक मेले में विश्व के 40 से अधिक देशों सहित भारत के सभी राज्यों के लेखकों एवं प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा पहली बार किसी संस्मरण संग्रह का संस्कृत में प्रकाशन किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ हिन्दी के साथ-साथ उर्दू में भी काफी लोकप्रिय रही। हिन्दी व उर्दू के अनेक विद्वानों ने राज्यपाल राम नाईक को उनकी पुस्तक के संबंध में अपनी प्रतिक्रियाओं से लिखकर अवगत कराया है। पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का जर्मन, बांग्ला, अरबी, फारसी तथा सिंधी भाषा में भी अनुवाद कराने के प्रस्ताव राज्यपाल को प्राप्त हुए हैं।