हर गांव में कुम्हारों को आवा-पंजावा के लिए जगह उपलब्ध करवाएगा मिट्टी कला बोर्ड : रंबा
कुरुक्षेत्र, (हि.स.)। हरियाणा मिट्टी कला बोर्ड के सदस्य रामकुमार रंबा ने कहा है कि प्रदेश मे आवा-पंजावा के लिए कुम्हारों को जगह उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा मिट्टी कला बोर्ड ने कमर कस रखी है। रविवार को बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा 1997 में सभी पंचायतों को आवे पंजावे की जगह देने के लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन 20 साल बीत जाने के बाद भी कुम्हारों को जगह उपलब्ध नही करवाई गई है। इसके तहत जिन गांवो में कुम्हारों की अच्छी आबादी है वहां उन्हे पंचायत की ओर से आवा-पंजावा के लिए 5 एकड़ भूमि व जिन गांवों में कुम्हारों की आबादी कम है वहां 2 एकड़ भूमि देने का प्रावधान है। जब से देश में चाइनीज और कांच के बर्तनों ने जगह ली है तब से मिट्टी के बर्तनों की मांग घटती जा रही है और मांग कम होने से कुम्हार बर्तन बनाने का काम छोड़ते जा रहे हैं। रंबा ने बताया कि पिछले दिनों मिट्टी कला बोर्ड़ की बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया है जिसमें मिट्टी की ज्वैलरी की दुकानें टूरिज्म कॉम्पलेक्स में खोलने पर विचार किया गया है। जिससे मिट्टी के कारीगरों को अच्छा रोजगार मिल सकेगा।
लगाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर
रामकुमार रंबा ने बताया कि मिट्टी के कारीगरों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत मार्च माह में जींद में 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 20 कारीगरों को बिजली से चलने वाले चाक नाममात्र कीमत पर उपलब्ध करवाए गए।
मिट्टी के कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए लिखा है सरकार को पत्र
रंबा ने जानकारी देते हुए बताया कि मिट्टी के कारीगरों के बढ़ावे के लिए बोर्ड़ ने प्रस्ताव डाल कर सरकार को पत्र लिखा है। जिसमें कुम्हारों के बर्तनों का बीमा करवाना, बर्तन बनाने के औजार खरीदने के लिए ऋण मुहैया करवाने बारे लिखा गया है।
सुरजकुंड़ में लगाया जाएगा स्टाल
मिट्टी कला बोर्ड के सदस्य रामकुमार रंबा ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित कराने के लिए सुरजकुंड मेले मे बर्तनों का स्टाल लगाया जाएगा। जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा कि घरों में मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग कितना फायदेमंद है।