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नर सेवा नारायण सेवा के संकल्प के साथ चिकित्सा महाकुंभ की शुरूआत
By Deshwani | Publish Date: 6/1/2018 4:52:09 PM
नर सेवा नारायण सेवा के संकल्प के साथ चिकित्सा महाकुंभ की शुरूआत

लखनऊ (हि.स.)। राजधानी लखनऊ से करीब 20 किलोमीटर दूर बाराबंकी स्थित हंडिया कोल जंगल में स्थापित श्रीराम वन कुटी में ‘ नर सेवा नारायण सेवा ’ के संकल्प के साथ चिकित्सा सेवा का महाकुंभ प्रारम्भ हो गया है। विश्व के कई देशों के चिकित्सा विशेषज्ञ निःस्वार्थ भाव से लगातार 15 दिन तक आवासीय कैम्प लगाकर मरीजों की सेवा कर अन्त्योदय का सपना साकार करते हैं। हर वर्ष पांच जनवरी से 21 जनवरी तक दरिद्रनारायण की सेवा का महाकुंभ लगाया जाता है।

 
नेपाल व बिहार के भी मरीज आते हैं सर्जरी कराने 
इस चिकित्सा सेवा महाकुंभ में हर साल इलाज कराने के लिए नेपाल,बिहार, झारखंड के अलावा गोण्डा, बहराइच व श्रावस्ती से हजारों की संख्या में गरीब रोगी यहां पहुंचते हैं। इस वर्ष भी गोण्डा, सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच, लखनऊ, फैजाबाद, रायबरेली, सुल्तानपुर, उन्नाव, हरदोई जिलों के रोगियों ने यहां अपना पंजीकरण करवाया है।
मीनाक्षीपुरम की घटना के बाद सेवाकुंभ की हुई थी शुरूआत 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक वीरेन्द्र सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि 1981 में तमिलनाडु स्थित मीनाक्षीपुरम में घटित घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मीनाक्षीपुरम में हिन्दुओं का सामूहिक धर्मान्तरण किया गया था। इसके बाद मंदिर के स्वामी रामदास महाराज ने प्रवचन के साथ-साथ सेवा कार्यों की शुरूआत की। इससे पहले प्रत्येक वर्ष उत्तव मनाया जाता था। उत्सव के दौरान प्रत्येक दिन सुबह रामचरितमानस का पाठ होता था। दोपहर में रामलीला होती थी और शाम को उसी पर प्रवचन होता था। उन्होंने बताया कि स्वामी रामदास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। 
उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ एसपी माथुर व बीसी राय अवार्ड से सम्मानित डॉ आरके अग्रवाल आगे आए। 1981 में पहली बार आश्रम के एक कमरे में ऑपरेशन थियेटर तैयार किया गया। पेट्रोमेक्स की रोशनी में 100 की संख्या में कैटेरक्ट के सफल ऑपरेशन सेवा भावी डॉक्टरों ने किए। पहले इस स्थान पर जाने का कोई रास्ता ही नहीं था। डॉक्टर व रोगीजन पैदल ही इस स्थान पर पहुंचते थे। 
चिकित्सा महाकुंभ में होती है जटिल सर्जरी 
इस महाकुंभ में आने वाले दरिद्रनारायण को नया जीवन विशेषज्ञ चिकित्सक देते हैं। महाकुंभ में रोते कराहते हुए आने वाले लोग, यहां से हंसते हुए जाते हैं। यहां पर नेत्र, हार्नियां, हाइड्रोसील, पाइल्स, यूट्रेस, दांतों की जटिल सर्जरी चिकित्सक सफलतापूर्वक करते हैं। राजस्थान उदयपुर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर चिकित्सक डॉ वीनिया पेंडसे कई वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं देने यहां आती हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष यहां श्रीरोगहरण हनुमंतलाल की अनुमति से हजारों सर्जरी चिकित्सक करते हैं। उदयपुर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर गायनकोलोजिस्ट डा. वीनिया और डा. सोलोमन चिकित्सकों की टीम के साथ आश्रम पहुंच गये हैं। 
अब तक एक लाख गरीब मरीजों की हो चुकी निःशुल्क सर्जरी
इस चिकित्सा सेवा महाकुंभ में बीते 36 वर्ष में करीब एक लाख से अधिक जटिल रोगों से ग्रस्त गरीबों को सर्जरी के जरिये रोगमुक्त किया जा चुका है। जंगल के बीच में जनमंगल को समर्पित इस कुटी में विराजमान श्री रोगहरण हनुमंतलाल को सेवा समर्पित करने के लिए अमेरिका, चीन, इंग्लैंड के अलावा देश के लब्धप्रतिष्ठित चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ यहां सेवादारी करते हैं।
 
संकटमोचन हनुमान जी को समर्पित सर्जरी
श्रीराम वन कुटीर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी रामज्ञान दास महाराज कहते हैं, कि श्रीहनुमंत लाल को साक्षी मानकर इस महाकुंभ का आयोजन करते हैं। यही वजह है कि इस स्थान पर कोई आपरेशन अबतक असफल नहीं हुआ। न ही कोई व्यवधान आया। हर साल कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर-नवंबर) से मरीजों के रजिस्ट्रेशन शुरू होते हैं। विभिन्न रोगों के 10000 टोकेन यहां पर बंटते हैं। 15 दिन तक देश विदेश के सेवाभावी डॉक्टर यहां पर अपने स्वयंके खर्चे पर आकर गरीब असहाय लोगों का अनवरत निःशुल्क आपरेशन करते हैं। 
क्रान्तिकारियों के तीर्थ हड़ियाकोल जंगल में मरीजों का मंगल
हड़ियाकोल जंगल में स्थित श्रीराम वन कुटीर आश्रम में 300 बेड का अस्पताल स्थापित हो चुका है जहां पर मरीजों को आपरेशन, आवास भोजन दवाओं की निशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं। यह वर्तमान में विश्व का एक मात्र ऐसा आपरेशन शिविर है, जिससे 15 दिन में एक साथ 4000 जटिल आपरेशन सफल होते हैं। यहां एक साथ 18 टेबल पर आपरेशन चलते हैं।
जानकारी के मुताबिक सिद्धयोगी बाबा बद्रीदास (जंगली बाबा) ने यहां साधना शुरू की थी। आजादी के पहले इस घनघोर जंगल में क्रान्तिकारी रुककर देश को आजाद कराने की योजना बनाते थे। जंगली बाबा के दो शिष्य थे। एक का नाम रामदास तथा दूसरे का ज्ञानदास था। 
दवा के साथ दुआ की व्यवस्था
इस पर आने वाले मरीजों के लिए दवा और दुआ दोनों दी जाती हैं। वहीं रहने के लिए आवासीय व्यवस्था और भोजन जलपान की भी उचित व्यवस्था है। यहां पर बनने वाला आहार चिकित्सकों के बताये मीनू के अनुसार होता है। इस बार यहां उदयपुर राजस्थान, अमेरिका और चीन से चिकित्सा विशेषज्ञ आ चुके हैं। 
 
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