शिमला, हि.स.)। बहुचर्चित गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से जुड़े लॉकअप प्रकरण में गिरफ्तार हिमाचल पुलिस के आईजी जहूर जैदी, एसपी डी डब्लू नेगी व अन्य सात पुलिस वालों को शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद सीबीआई इन्हें शिमला में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश करेगी। इससे पहले अदालत ने 29 दिसम्बर को पिछली सुनवाई के दौरान आरोपियों को नौ दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था। ये सभी निलम्बित पुलिस वाले शिमला के कंडा जेल में रखे गए हैं।
इन आरोपियों के वॉइस सैंपल लेने के मामले की भी कोर्ट में आज ही सुनवाई होनी है। सीबीआई इन पुलिस वालों का वॉयस सैंपल लेना चाहती है। इसके लिए सीबीआई की ओर से अदालत में अर्जी दी गई है। लेकिन इस मामले में पुलिस वालों की ओर से अपने बचाव के लिए वकील का इंतजाम न कर पाने के कारण पिछली पांच पेशियों से इस मामले की सुनवाई टलती आ रही है। आईजी जैदी ने रिहा होने के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है, जिस पर 12 जनवरी को सुनवाई होगी।
आईजी, एसपी, डीएसपी समेत अन्य पुलिस कर्मचारियों को सीबीआई ने हिरासत में हत्या मामले में 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। 18 जुलाई को गुड़िया गैंगरेप एवं मर्डर मामले में गिरफ्तार सूरज की पुलिस थाना कोटखाई के लॉकअप में मौत हुई थी। हालांकि, पुलिस ने बताया था कि सूरज की एक अन्य आरोपी राजू ने हत्या की थी। लेकिन जब 22 जुलाई को जब मामला सीबीआई के सुपुर्द किया गया था तो जांच में पुलिसवालों की लापरवाही सामने आई। इसके आधार पर सीबीआई ने 29 अगस्त को आईजी, डीएसपी समेत अन्य छह पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में 16 नवम्बर को तत्कालीन एसपी डीडब्लयू नेगी को गिरफ्तार किया गया था।
दसवीं कक्षा की छात्रा गुड़िया का शव विगत वर्ष 06 जुलाई को शिमला जिले के कोटखाई के जंगल से बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम में सामने आया कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे मौत के घाट उतारा गया। इस केस ने जबरदस्त तूल पकड़ा था और शिमला से कोटखाई तक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। प्रदेश हाईकोर्ट ने 19 जुलाई को सीबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए थे।