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चाइना को आइना दिखाएगा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय
By Deshwani | Publish Date: 6/1/2018 11:26:11 AM
चाइना को आइना दिखाएगा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय

सिद्धार्थनगर, (हि.स.)। नेपाल की धरती पर शिक्षा की अलख जगाकर चाइना अपनी पैठा बना रहा है। मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग और एमए बीए की बढ़ाई का झांसा देकर चाइनीज भारत के मित्र राष्ट्र को भड़काने का काम कर रहा है। लेकिन अब भारतीय सीमा से सटे कपिलवस्तु में स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय चाइना को आइना दिखाने का काम कर रहा है। यहां भारतीय स्टूडेंटस के साथ नेपाल के युवा भी पढ़ाई कर रहे हैं। नेपालियों को चाइना से अधिक भारत की पढ़ाई भा रही है। हर साल नेपाली स्टूडेंटस की संख्या में तेजी से बढोत्तरी हो रही है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से लेकर अन्य स्टाफ एक तरफ जहां नेपालियों की पढ़ाई में रुचि से खुश हैं वहीं देश के सम्मान में भी यह ऐतिहासिक माना जा रहा है। 
देश को दिला रहा है अलग पहचान 
 
भगवान गौतम बुद्ध की क्रीड़ा स्थली कपिलवस्तु में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय बनाया गया है। ये बुद्ध भूमि के साथ देश को भी अन्तर राष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम कर रहा है। नेपाल को शिक्षा से जोड़ने और चाइना को आइना दिखाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी घोषणा की है जिसके बाद उम्मीद है कि नेपाल के अधिक संख्या में स्टूडेंटस सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से जुड़ेंगे। बुद्ध की क्रीड़ा स्थली पूरे विश्व में विख्यात है और अब इसे शिक्षा के माध्यम से बड़ा आयाम देने की कवायद की जा रही है। 
सीएम की सौगात से चाइना को मात 
जिले प्रबुद्ध वर्ग और शिक्षा विद का कहना है कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय को जितना ही हाईटेक किया जाएगा उतना ही देश का शान बढ़ेगा, क्योंकि चाइना शिक्षा का हथियार दिखाकर नेपाल को लगातार मुरीद बनाने का काम कर रहा है। अगर भारत सिद्धार्थ विश्व विद्यालय के माध्यम से नेपाल के स्टूडेंटस को इसी तरह से प्रभावित करने में सफल रहा तो आने वाले दिनों में पड़ोसी राष्ट्र के लोगों का नजरिया ही बदल जाएगा। जिले समाजसेवी महेंद्र मणि त्रिपाठी का कहना है कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से सबसे अधिक फायदा नेपाल को होगा। ये नेपाल की सीमा पर है और नेपाल से अधिक संख्या में स्टूडेंटस भारत में आते हैं। उनका कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में नेपाल सीमा से नई क्रांति लाने की पहल सीएम योगी आदित्य करने जा रहे हैं। यहां नेपाल के स्टूडेंटस के रुचि वाले विषय और सुविधा दी जाने की बड़ी पहल की गई है। सरकार की मंशा थी विवि के माध्यम से ही कपिलवस्तु का विकास कराया जाएगा। यहां पर देशी विदेशी सभी भाषाओं की पढ़ाई कराई जाएगी। 
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