उज्जैन, (हि.स.)। भानपुरा पीठ के शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ ने कहा है कि भगवान शिव भारत के आदि देव हैं। शुद्धभाव से हर-हर महादेव कहने से ही शिव की उपासना पूर्ण होती है। महाकाल की नगरी में आयोजित शैव महोत्सव प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। यह आयोजन विश्व को एक नई दिशा प्रदान करेगा। शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ ने यह बात कहते हुए शुक्रवार को सुबह तीन दिवसीय शैव महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है, यहां के लोगों को गीता का अमृत उपदेश मिला। गीता मनुष्य को इंसान बनाती है।
इसके पूर्व भानपुरा पीठ के शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघसरचालक डॉ. मोहनराव भागवत, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, आचार्य महामण्डलेश्वर विश्वात्मानन्द, महामण्डलेश्वर विशोकानन्दजी, महामण्डलेश्वर भवानीनन्दन यतिजी, महामण्डलेश्वर सबिदानन्दजी, महामण्डलेश्वर ब्रम्हयोगानन्दजी एवं महामण्डलेश्वर पुण्यानन्दजी महाराज ने दीप प्रज्वलन कर शैव महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शैव महोत्सव आयोजन की स्वागत समिति के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष माखनसिंह मौजूद थे।
डाक टिकिट का विमोचन
शैव महोत्सव के अवसर पर भारतीय डाकतार विभाग द्वारा शैव महोत्सव-2018 विषय पर डाक टिकिट जारी किया गया। इस डाक टिकिट का विमोचन शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, आचार्य महामण्डलेश्वर विश्वात्मानन्द, महामण्डलेश्वर विशोकानन्दजी, महामण्डलेश्वर भवानीनन्दन यतिजी, महामण्डलेश्वर सबिदानन्दजी, महामण्डलेश्वर ब्रम्हयोगानन्दजी एवं महामण्डलेश्वर पुण्यानन्दजी महाराज की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर भारतीय डाकतार विभाग के राकेश कुमार, प्रीति अग्रवाल एवं बीएस तोमर मौजूद थे। डाकतार विभाग द्वारा शैव महोत्सव के अवसर पर विशेष कवर, जिसमें महाकाल शिखर का चित्र है, भी जारी किया गया। द्वादश ज्योतिर्लिंग पर विशेष 12 पोस्टकार्ड भी जारी किये गये एवं सम्राट विक्रमादित्य द्वारा आयोजित प्रथम शैव उत्सव की स्मृति के रूप में प्राप्त हुई मुद्रा, जिसमें ब्राह्मीलिपि में शैव महोत्सव का विवरण अंकित है, के डाक टिकिट का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
मुले को महाकालेश्वर वेद अलंकरण सम्मान
वर्ष 2017 के लिये महाकालेश्वर वेद अलंकरण महाराष्ट्र के वेदमूर्ति दुर्गादास अम्बादास मुले को दिया गया। अलंकरण में मुले को डॉ. मोहन भागवत एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख रूपये का चेक, रजत पत्र एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य श्री विभाष उपाध्याय ने मुले के बारे में प्रशस्ति-वाचन करते हुए बताया कि महाराष्ट्र में जन्मे मुले को पूर्व में आदर्श वैदिक धनपाठी एवं अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन्होंने 1200 से अधिक विद्यार्थियों को अपनी संस्था में विद्याध्यन कराया है। इनके द्वारा 1985 से अनवरत वेद पाठशाला एवं वेद विद्या का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।