पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ा उप्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र, कार्यवाही स्थगित
लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का शीतकालीन सत्र पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। बिजली की बढ़ी दरों को लेकर विपक्षियों के हंगामा के चलते दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
विधानमंडल का सत्र आज पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुआ, दोनों सदनों में विपक्षियों ने हंगामा करना प्रारम्भ कर दिया। विधान परिषद में तो सपा सदस्यों ने सभापति के ऊपर कागज के गोले तक फेंके। इसके चलते परिषद की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
उधर विधानसभा में कार्यवाही शुरु होते ही सपा और कांग्रेस के सदस्य बिजली की बढ़ी दरों को लेकर हंगामा करने लगे और वेल में आ गये। हांथ में तख्तियां लिये वे लगातार सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। जिस समय विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे थे, नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा में उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वे अपनी सीट पर वापस नहीं गये। अंततः पहले उन्होंने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की बाद में उसे 20 मिनट के लिए और बढ़ा दिया।
दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष जब दोबारा सदन की कार्यवाही प्रारम्भ की तो विपक्षियों ने फिर हंगामा शुरु कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने सदन के पूर्व सदस्यों के निधन की सूचना देने की बात कही तो सब शांत होकर अपनी सीट पर बैठ गये। इसके बाद पूर्व सदस्यों के निधन की सूचना दी गयी और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही सदन की कार्यवाही जारी करनी चाही विपक्षी फिर हंगामा करने लगे और वेल में आ गये। फिर अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही थोड़ी देर के लिए कार्यवाही चलायी। इस दौरान सरकार की तरफ से प्रयागराज मेला प्राधिकरण समेत कई अध्यादेश सदन के पटल पर रखे गये और प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने सदन को पूर्व की कार्यवाहियों से अवगत कराया।
सदन में हंगामा बंद न होता देख अध्यक्ष बार-बार अनुरोध करते रहे। फिर भी जब विपक्षियों का शोर न शांत हुआ तो अध्यक्ष ने विधानसभा की भी कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आरोप लगाया कि विपक्ष मीडिया में बने रहने के लिए सदन नहीं चलने देना चाहता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चैधरी का कहना है कि सरकार जनता के विरोध में काम कर रही है और सदन में इसकी चर्चा नहीं होने दे रही है।