लखनऊ, (हि.स.)। राजधानी लखनऊ के अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आए दिन विमानों की आपात लैंडिंग की जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए अब 70 करोड़ रूपये की लागत से एयरपोर्ट का विस्तार करते हुए आठ पार्किंग स्टैंड बनाए जाने की योजना है।
हवाई अड्डे के विशेष कार्य अधिकारी संजय नारायण का कहना है कि चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पार्किंग स्टैंड में जगह कम होने के चलते आपात लैंडिग की स्थिति में विमानों को अक्सर जयपुर,दिल्ली या पटना डायवर्ट कर दिया जाता है। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं अब इस समस्या का हल निकाल लिया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में घना कोहरा या धुंध होने पर दिल्ली जाने वाली फ्लाइटों को अक्सर अमौसी एयपोर्ट की ओर डायवर्ट कर दिया जाता है या फिर आपात लैंडिंग में फ्लाइटों को यहां उतारा जाता है। हाल ही में काठमांडू व जेद्दा जाने वाले विमानों की लैंडिंग अमौसी एयरपोर्ट पर हुई थी। कई बार ऐसा भी होता है,लखनऊ आने वाले विमानों को पार्किंग में जगह नहीं होने पर जयपुर-दिल्ली भेज दिया जाता है। इस हवाई अड्डे पर अभी 14 विमानों के लिए पार्किंग स्पेस है। वहीं 70 करोड़ रुपये की लागत से आठ पार्किंग स्टैंड एटीसी बिल्डिंग के पास बनेंगे। इसके लिए सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है।
आपात लैंडिंग से हवाई अड्डे प्रशासन को होती है कमाई
जब एयरपोर्ट पर विमानों की आपात लैंडिंग होती से एयरपोर्ट प्रशासन को भी हजारों रुपये का मुनाफा होता है। यह तय मानकों के मुताबिक एयरलाइनों से वसूला जाता है।
हवाई अड्डे के विस्तार से बढ़ेंगी यात्री सुविधाएं :
चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फायर फाइटिंग सिस्टम को कैटेगरी आठ से बढ़ाकर कैटेगरी नौ करने की तैयारी की जा रही है। इस पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके साथ ही यहां पर दो नए एरोब्रिज भी लगेंगे,क्योंंकि हवाई अड्डे पर विमानों तक यात्रियों को पहुंचाने में इस्तेमाल होने वाले एरोब्रिज वर्षों पुराने हैं। इन्हें बदला जाएगा। इन पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी क्रम में रनवे की लम्बाई 583 मीटर बढ़ाई जा रही है।
हवाई अड्डे के विस्तार से लैंडिंग व टेकऑफ होगा आसान :
चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर सालाना घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय मिलाकर 39,68,950 पैसेंजर आते हैं, जबकि 29,306 विमानों का मूवमेंट होता है। एयरपोर्ट का रनवे 2,742 मीटर है, जोकि बहुत छोटा है।
इसलिए इसकी लम्बाई 583 मीटर बढ़ाई जा रही है। जिससे एयरस्ट्रिप जयपुर, भोपाल, पटना, देहरादून से बड़ी हो जाएगी और विमानों की लैंडिंग व टेकऑफ आसान हो जाएगा।