लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस अगर पब्लिक फ्रेंडली बन जाए तो इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा स्रोत आम जनता बन जायेगी। पुलिस को अपने काम से ऐसा विश्वास जगाना होगा कि लोग विश्वसनीय तरीके से पुलिस को जानकारी दे सकें।
लखनऊ में यूपी 100 भवन में आयोजित आठ राज्यों के नार्दन रीजन पुलिस कोआर्डिनेटर कमेटी की बैठक में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में बीते नौ महीनों में महसूस हुआ है कि तकनीक के साथ-साथ अपराध और सुरक्षा से जुड़ी हुई समस्याएं बढ़ी हैं। पुलिस के सामने चुनौतियां हैं और उनकी समस्याएं भी हैं। राज्यों को अपने सीमित संसाधनों से समस्याओं का समाधान करना है, लेकिन तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए अपराधों को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित करने के लिए एक तंत्र बने तो अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों से कहा कि सूचना के आदान-प्रदान के साथ-साथ इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हम एक सिस्टम बना सकें तो न केवल आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी रूप से अंकुश लगा सकते हैं बल्कि आतंकवाद, नक्सलवाद व अलगाववाद जैसी घटनाओं को भी नियंत्रित किया जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि समन्वय बैठक में विचारों के आदान-प्रदान के साथ-साथ सक्सेस स्टोरीज पर भी चर्चा की जानी चाहिए। अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज के आदान-प्रदान से अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने महिला और सुरक्षा की दिशा में काफी काम किया है। कई पहल की गई हैं, जिनसे महिलाओं पर होने वाले अपराधों मे कमी आई है। अपराध के मुख्य कारणों में भूमि संबंधी विवाद भी काफी होते हैं। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स गठित करके हम लोगों ने उत्तर प्रदेश में 1.53 लाख ऐसे मामले चिह्नित किए और हमने प्रभावी कार्रवाई शुरू की है। इसके परिणाम भी सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहां जातीय व साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं होती रही हों, उस पर प्रभावी अंकुश लगाने की दिशा में भी हमारी सरकार ने काम किया है।