वाराणसी, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के मरीजों के लिए टेली मेडीसिन सेंटर की सौगात स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया है। बुधवार को मंडलीय शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल में इसका विधिवत उद्घाटन केन्द्रीय स्वाथ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहला टेली मेडीसिन सेंटर मंडलीय अस्पताल में खुला है। इस सुविधा से खासतौर पर उन मरीजों को सुविधा रहेगी जो गम्भीर बीमारी के चलते अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे। इस सुविधा के लिए मरीजों को बस एक टॉल फ्री नम्बर पर कॉल करना होगा । इसके बाद मरीज को डॉक्टर द्वारा चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जायेगी। बताया कि गम्भीर बीमारी की दशा में मरीज को बीएचयू के विशेषज्ञ चिकित्सक की मदद उसके गांव या सम्बन्धित स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल में चिकित्सकीय सेवाएं मिल जायेगी। यह योजना सफल हो जाती है तो दिव्यांग असक्त और वृद्धों को अस्पताल का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जायेगी।
गुजरात चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि रिजल्ट आयेगा तो भाजपा का डंका बजेगा। पाटीदार नेताओं द्वारा हार्दिक पटेल पर राबर्ट वाड्रा के साथ डील के आरोप पर कहा कि कौन किस पर आरोप लगा रहा हैं मैं क्या कह सकती हूंं। मंहगाई से जुड़े सवाल पर कहा कि अभी केन्द्र सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ हैं।
टेली मेडीसिन सेंटर के उदघाटन के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक एससी राजीव,कमिश्नर नीतिन रमेश गोकर्ण, जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीबी सिंह, अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन श्रीवास्तव सहित अन्य अफसर भी मौजूद रहे।
टेली मेडीसिन सेंटर की विशेषताएं
मंडलीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन श्रीवास्तव ने बताया कि बस एक कॉल पर घर बैठे स्वास्य सेवाएं इस सेवा के जरिये मिलेगीं। किसी गांव में रहने वाला व्यक्ति बुखार से पीड़ित है, तो मरीज डॉक्टर से चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकता हैं। इसके लिए उसे टेली मेडिसिन के टोल फ्री नम्बर पर डायल करना होगा। इसके बाद इससे जुड़े परामर्शदाता मरीज तक पहुंच कर उसकी स्थिति का संक्षिप्त विवरण तैयार पर अपने केन्द्र को प्रेषित करेगा । जहां से विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह पर मरीज को दवा देने के लिए लिखा जायेगा जिसे टेलीमेसिन सेंटर के लोग मरीज तक पहुचाएंगे। अगर रोगी की बीमारी ठीक नहीं होती है तो वह फोन कर पुन:अपनी दशा बताएगा। यदि गंभीर बीमारियों के कोई संकेत नहीं हैं, तो चिकित्सक रोगी को निकटतम स्वास्य केंद्र से मुफ्त दवा लेने की सलाह देगा। गंभीर बीमारी के मामले में बीमार व्यक्ति को बीएचयू के विशेषज्ञों की मदद से अपने गांव के स्वास्य केंद्र या संबंधित जिला अस्पताल में चिकित्सकीय सलाह मिल जाएगी।