लखनऊ, (हि.स.)। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों की जरूरत तभी पूरी होगी, जब ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट बने। इसके लिए डासना से दिल्ली तक का कार्य कराया जा रहा है। बहुत जल्द ही प्रदेश के लोगों के लिए कानपुर से डासना और कानपुर से लखनऊ तक दो एक्सप्रेस वे दिये जायेंगे।
लखनऊ में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शुरू हुए 'अत्याधुनिक तरीके से सड़कों का निर्माण' विषय पर संगोष्ठी के प्रथम दिन बतौर मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मुझे गांवों के मुख्य मार्गों को जोड़ने वाली योजना और हाई-वे बनाने की योजना के काम में लगाया था। इसके लिए एक कमेटी बनायी गयी और जिसमें नाबार्ड समेत प्रमुख विभागीय अधिकारियों को शामिल किया गया।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड की रिपोर्ट में बताया गया कि अगर छह लाख पचास हजार गांवों की सड़कें आपस में जुड़ जाएं तो देश की जीडीपी सुधर जाएगी। तत्कालीन सरकार की चिंता सड़कों के अभाव में किसानों की फसलें नहीं बिक सकने वाली थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने मुझे लगाया और तभी बहुउद्देश्यीय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क बनाने का मौका मिला। देश में पहली बार एक लाख से ज्यादा गांवों में सड़कों का जाल बिछाकर प्रमुख सड़कों से जोड़ा गया।
इसके पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने प्रमुख सचिव सदाकान्त और विशेष सचिव राजशेखर की तारिफ करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव सदाकान्त और विशेष सचिव राजशेखर की देखरेख में विभाग अच्छा कार्य कर रहा है। लोक निर्माण विभाग के दोनों अधिकारियों की योजना से उत्तर प्रदेश को लाभ पहुंचाने वाला कांफ्रेंस हो रहा है। इसके लिए सड़क निर्माण में प्रदेश को लाभ पहुंचेगा और साथ ही देश को भी एक नई दिशा मिलेगी।
श्री मौर्या ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़कों की लागत को कम करने का प्रयास कर रहा है। लोगों को चलने देने वाली वर्ल्ड क्लास की सड़कें बनाना चाहते है। ऐसी सड़कें बनाना चाहते है, जो हर वर्ग के लिए सुविधाजनक हो।
सड़कों को बनाने को लेकर भेदभाव नहीं होने दिया जायेगा। प्रदेश में कई गांवों में आरसीसी सड़कें नहीं बनाई जा सकी हैं, गांवों के हित के लिए उच्च कोटी की सड़के बनाकर हम देने वाले हैं।