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ईओडब्ल्यू के जरिए हुई थी यादव सिंह प्रकरण को सीबीआई जांच से बचाने की कोशिश
By Deshwani | Publish Date: 7/12/2017 2:53:50 PMलखनऊ, (हि.स.)। औद्योगिक विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर को आरटीआई में दी गयी सूचना से यह बात सामने आती है कि यादव सिंह केस को सीबीआई को सौंपे जाने से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में आर्थिक अपराध संगठन (ईओडब्ल्यू) को भी शामिल करने का प्रयास किया था।
आरटीआई सूचना के अनुसार नूतन द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान तत्कालीन महाधिवक्ता (एजी) विजय बहादुर सिंह ने राज्य सरकार को लिखा था कि हाई कोर्ट वर्मा कमीशन की नियुक्ति होने पर कोई एफआईआर नहीं होने से असंतुष्ट दिखती है। एजी ने सलाह दी थी कि या तो आपराधिक प्रकरण ईओडब्ल्यू को सौंप दिया जाये या ईओडब्ल्यू को वर्मा कमीशन की सहायता के आदेश दिए जाएं।
इस पर तत्कालीन प्रमुख सचिव औद्यिगिक विकास महेश कुमार गुप्ता ने दूसरे विकल्प की संस्तुति की थी, जिसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 11 जुलाई 2015 को स्वीकृति दी और उसी दिन इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए गए। 16 जुलाई 2015 को हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू की भूमिका स्वतः समाप्त हो गयी और उनके स्तर पर वर्मा कमीशन को कोई सहयोग नहीं किया गया।