जम्मू, (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने रविवार को कहा कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला कश्मीर में शांति बहाली के लिए बार-बार पाकिस्तान के साथ बातचीत की पैरवी करके इसे अनिवार्य बता रहे हैं जबकि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान ही बातचीत से पीछे हट रहा है। बड़गाम जिले में एक जनसभा में फारूक अब्दुल्ला द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुप्ता ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि फारूक को यह जान लेना चाहिए कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लंबित मसलों को हल करने के लिए द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने के अनुकूल माहौल तैयार करने हेतु पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को समर्थन बंद करना होगा और अपनी धरती पर आतंकवाद के ढांचे को समाप्त करना होगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कश्मीर को अपनी गले की नस समझना, विभाजन का अधूरा एजेंडा मानना पाकिस्तान को भारत के साथ बातचीत के मंच पर आने से रोक रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान को यह महसूस करना होगा कि उनकी यह दोनों की आकांक्षाएं पूरी होने वाली नहीं हैं। भारत विश्व में तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और इसकी सेना विश्व में चार शक्तिशाली सेनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर उसका दावा भी झूठा है। अगर वास्तव में कश्मीर पाकिस्तान के गले की नस है तो पिछले 70 साल से यह कैसे जीवित रहा है। गुप्ता ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का मुकुट और उसका अभिन्न अंग है।
भाजपा नेता ने कहा कि परमाणु हथियार प्राप्त करने के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकवाद को देश की नीति के रूप में चुना है जिससे पाकिस्तान के बुरे इरादों का पर्दाफाश होता है। उन्होंने कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने के लिए भारत ने हरसंभव प्रयास किए हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान के इरादे में कोई बदलाव नहीं आया है। भाजपा प्रवक्ता ने हैरानी जताई कि डॉ. अब्दुल्ला जैसे व्यक्ति इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं। उनके बयान का उल्लेख करते हुए कि ‘हमने युवाओं का मोहभंग किया है और उन्हें निराश किया है,’ गुप्ता ने कहा कि इसके लिए अब्दुल्ला और नेशनल कांफ्रेंस ही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्होंने आगे कहा कि मायूसी का मुख्य कारण सत्ता की भूख, धोखे, झूठ, सांप्रदायिक, विभाजनकारी और वंशवाद की राजनीति, वित्तीय कुप्रबंधन और खराब प्रशासन रहे हैं और इसके लिए कश्मीरी नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि फारूक को यह समझ लेना चाहिए कि भारत कभी भी सीमा पार आतंकवाद या वैश्विक इस्लामिक आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा।