अयोध्या, (हि.स.)। अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय की विथिका में विब्ग्योर प्रदर्शनी का उद्घाटन फैजाबाद के वरिष्ठ चित्रकार नन्दलाल पाण्डेय ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर चित्रकार खलीक अहमद, राजेन्द्र मिश्र, संग्रहालय के उपनिदेशक, योगेश कुमार साकेत महाविद्यालय के चित्रकला विभाग के छात्र-छात्रायें तथा अन्य कला प्रेमी एवं सुधीजन उपस्थित थे।
रामकथा प्रसंगों पर आधारित 41 चित्रों की प्रदर्शनी को साकेत महाविद्यालय के स्नातक-परास्नातक कक्षा में अध्ययनरत व उत्तीर्ण कला प्रतिभावों द्वारा तैयार कर लगाया गया है, जिसमें रवीन्द्र कुमार के 10, आयुषी शुक्ला के 9, कंचनलला के 12 तथा नीरज के 10 चित्र सम्मिलित किये गये हैं। विब्ग्योर शब्द अंग्रेजी के सात अक्षर वी आई बी जी वाई ओ आर से मिलकर बना है । प्रत्येक अक्षर से शुरू होने वाले रंगों वायलेट-बैंगनी, इंडिगो-नीला, ब्ल्यू-आसमानी, ग्रीन-हरा, येला-पीला, ओरेन्ज-नारंगी और रेड-लाल, सप्तरंगों के मिश्रित रंग समूह जिसे सप्तरंगी या इन्द्रधनुषी के नाम से परिभाषित किया जाता है, प्रस्तुत विब्ग्योर प्रदर्शनी उसी का प्रतिरूप है, जो सामान्यतया परम्परा से हटकर एक अद्भुत तथा विशिश्ष्टतापूर्ण रंगों के मिश्रण से तैयार की गयी है।
यह दस दिवसीय प्रदर्शनी संग्रहालय के प्रत्येक कार्यदिवस में दर्शकों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी के उद्घाटन के पश्चात आयोजित स्वागत समारोह कार्यक्रम का उद्घाटन मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। मुख्य अतिथि नन्दलाल पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र कुमार तथा खलीक अहमद ने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवा प्रतिभाओं द्वारा अच्छा प्रयास किया गया है। भविष्य में और इसे विकसित एवं परिमार्जित कर उच्च सतर पर ले जाने की आवश्यकता है।