लखनऊ, (हि.स.)। सौंफ एनीमिया के उपचार में उपयोगी है। सौंफ अपच के इलाज के लिए सबसे अच्छा उपचार में से एक है। बड़े पैमाने पर कब्ज, दस्त, गुर्दे पेट का दर्द, सांस की बीमारियों, और मासिक धर्म संबंधी विकार के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है के रूप में सौंफ भी प्रयोग किया जाता है।
सौंफ के प्रमुख उत्पादन केन्द्रों राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा रहे हैं।
ठंडी और शुष्क जलवायु सौंफ की फसल की खेती के लिए सबसे अच्छा है। सूखी और ठंडी बीज सेट बढ़ जाती बीज उपज के दौरान मौसम के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता।
सौंफ कार्बनिक पदार्थ में अमीर हैं कि मिट्टी के सभी प्रकार में खेती की जा सकती है। उथला रेतीली मिट्टी सौंफ की खेती के लिए अनुकूल नहीं हैं। सौंफ की खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ मिट्टी काली कपास मिट्टी और चूने से युक्त बलुई मिट्टी हैं। उचित जल निकासी भी सौंफ की फसल की व्यावसायिक खेती के लिए एक महत्वपूर्ण अपेक्षित है।
सौंफ बीज से निकाले तेल साबुन और शैंपू के रूप में प्रसाधन में एक सुगंधित एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है। सौंफ तेल बड़े पैमाने पर पाक और मिष्ठान्न उद्योगों में एक स्वादिष्ट बनाने का मसाला एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
कृषि विशेषज्ञ डा. एसके सिंह ने बताया कि सौंफ हर तरह से स्वस्थ्य के लिए लाभकारी है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। सौंफ पानी आमतौर पर दवा के रूप में शिशुओं के लिए दिया जाता है। सौंफ पौधों की जड़ एक रेचक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।