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ब्लैक आउट होने पर 15 मिनट में शुरू हो सकेगा कोरबा का पॉवर प्लांट
By Deshwani | Publish Date: 27/11/2017 1:30:59 PM
ब्लैक आउट होने पर 15 मिनट में शुरू हो सकेगा कोरबा का पॉवर प्लांट

कोरबा, (हि.स.)। आपात स्थिति में पॉवर प्लांट के ब्लैक आउट होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के कोरबा बिजली संयंत्रों को महज 15 मिनट में फिर शुरू किया जा सकेगा। इसके लिए रविवार को छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में एक अभ्यास (मॉकड्रील) किया गया। इस पूर्वाभ्यास में विकट विद्युत संकट में कोरबा के थर्मल पावर प्लांट (तापीय विद्युत संयंत्र) को बांगों स्थिति जल विद्युत संयंत्र से स्टार्ट-अप पॉवर भेजकर 15 मिनट में चालू करने में सफलता प्राप्त की गई। इस मॉकड्रिल की मॉनिटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर भी कर रहे थे। 

इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के निर्देशानुसार साल में दो बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। अंतरराज्यीय बिजली ग्रिड ठप्प होने की स्थिति में ठप्प बिजली व्यवस्था को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए यह मॉकड्रील छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन, जनरेशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के इंजीनियरों द्वारा सामूहिक रूप से किया गया। ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक तृप्ति सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन में यह मॉकड्रील पूरा हुआ। इस ब्लेक स्टार्ट-ग्रिड रिस्टोरेशन मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) के माध्यम से यह आंकलन करने में कामयाबी मिली कि विकट विद्युत संकट की घड़ी (बैक स्टार्ट) में अधिकतम 15 मिनट में कोरबा पूर्व ताप विद्युत संयंत्र के पूर्ण संचालन के लिए स्टार्ट अप पॉवर दिया जा सकेगा। इसमें डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में चीफ इंजीनियर बीआर सोनी, एसीई अशोक श्रीवास्तव, ईई वाई.कृष्णाराव, वीजी एक्का, एसके उइके, जीपी सिंह, कोरबा में वीके निमजे और मधु मिंज और जमनीपाली में पूर्णिमा शुक्ला, एमबी यादव और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एसई पीवी संजीव और वी टीके ठाकुर मौजूद रहे। 

मॉकड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत परियोजना की एक 132 के.व्ही. उपकेन्द्र से जमनीपाली एवं कोरबा उपकेन्द्र तक एक आईलैन्ड सबसिस्टम बनाया गया। इसके माध्यम से बांगो बिजली संयंत्र में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ किया। इसके लिए बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक तीन को सर्विस में लेकर 132 के.व्ही. उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 के.व्ही. लाइन जमनीपाली के माध्यम से कोरबा पूर्व के उपकेन्द्र तक पहुंचाई गई और पूर्व-निर्धारित विद्युत फीडर को एक के बाद एक चालू कर बांगो की जल विद्युत इकाई से करीब 21 मेगावाट लोड लिया गया। साथ ही बांगो जल विद्युत द्वारा उत्पादित बिजली (स्टार्ट अप पॉवर) से 220 के.व्ही. उपकेन्द्र कोरबा ईस्ट के ऑटो ट्रांसफार्मर भी उर्जीकृत किया गया। इस तरह ब्लैक आउट की स्थिति में लगभग 15 मिनट में बांगो जल विद्युत गृह से कोरबा पूर्व ताप विद्युत गृह को स्टार्ट अप पॉवर पहुंचाई गई।

विदित हो कि देश के पश्चिम क्षेत्रीय ग्रिड से छत्तीसगढ़ सहित गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र इत्यादि राज्य जुड़े हुए हैं। इस ग्रिड पर लगभग 42 हजार मेगावाट विद्युत की खपत दर्ज होती है। कई राज्यों से जुड़े विशाल ग्रिड के संचालन में कभी गड़बड़ी आने की स्थिति में बिजली संयंत्रों को फिर से चालू करने में अनेक कठिन चुनौतियां होती हैं। गौरतलब है कि 2012 में 30-31 जुलाई को देश के उत्तर एवं पूर्व क्षेत्र के ग्रिड में आई ब्लैक आउट से देश के 21 राज्यों में पावर सप्लाई ठप हो गई थी। वहीं पश्चिम क्षेत्र एवं छत्तीसगढ़ इससे अप्रभावित रहा । इन्हीं परिस्थितियों में त्वरित बिजली सेवा बहाली के लिए मॉकड्रील किया जाता है। ब्लैक आउट की स्थिति में विद्युत उत्पादन संयंत्र काम नहीं करता तब संयंत्रों के पुनर्संचालन हेतु हायडल (जल विद्युत) या गैस पर आधारित संयंत्रों (जिनको चालू करने में कम समय लगता है) का उपयोग किया जाता है। छत्तीसगढ़ की जनरेशन कंपनी में बांगो जल विद्युत संयंत्र को इस कार्य के लिए चिन्हांकित किया गया है।

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