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आरडीएसओ की नई तकनीक से रेल हादसों पर लगेगी लगाम
By Deshwani | Publish Date: 23/11/2017 12:25:12 PMलखनऊ, (हि.स.)। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन ब्यूरो (आरडीएसओ) ने रेल फ्रेक्चर से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एक नई तकनीक विकसित की। ब्रोकेन रेल डिटेक्शन (यूबीआरडी) की इस नई तकनीक से अब रेल हादसों पर लगाम लगेगी।
मानक अनुसंधान व अभिकल्प ब्यूरो के एडीजी जोगेश सिंह सोंधी ने गुरूवार को बताया कि आरडीएसओ अल्ट्रासोनिक किरणों के जरिए रेल फ्रेक्चर का पता लगाएगा। इस तकनीक को रेल इंजन में लगाया जाएगा। रेल फ्रेक्चर पर किरणें पड़ते ही इंजन में अलार्म बजना शुरू हो जाएगा और लोको पायलट को इसकी जानकारी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के इस्तेमाल के बाद हादसों पर लगाम लगेगी। जल्द ही इस टेक्नोलॉजी को ट्रेनों में लगाना शुरू कर दिया जाएगा।
श्री सोंंधी ने बताया कि आरडीएसओ ने अल्ट्रासोनिक ब्रोकेन रेल डिटेक्शन(यूबीआरडी) की नई तकनीक विकसित की है। इसका दो रेलखंडों में ट्रायल शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद डिवीजन और उत्तर रेलवे के मुरादाबाद डिवीजन में इस तकनीक का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के लिए 25-25 किलोमीटर का सेक्शन चुना गया है। जहां इस सिस्टम को लगाया गया है। ट्रायल के जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो सकेगा। इस तकनीक को रेलवे में लागू करने के लिए आरडीएसओ ने ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मंगाए है। फर्माें के चयन की प्रक्रिया चल रही है। जो इसके विकास, आपूर्ति, टेस्टिंग और इसे लगाने का काम करेगी।
दरअसल गर्मी में फैलाव और सर्दियों में पटरियों के सिकुड़ने के कारण रेल फ्रैक्चर की घटनाएं होती है। इन हादसों को रोकना रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है।